भोपाल (Bhopal)। रतलाम (Ratlam) में मेडिकल स्टोर संचालक (medical store operator) से एक करोड़ रुपये मांगने (Demanding one crore rupees) के आरोप में घिरे सैलाना विधानसभा क्षेत्र से भारतीय आदिवासी पार्टी (बीएपी)के विधायक कमलेश्वर डोडियार (MLA Kamleshwar Dodiyar) पर एफआईआर दर्ज हुई है। गुरुवार शाम को सैलाना थाने में विधायक डोडियार व उनके प्रतिनिधि दशरथ डिंडोर के खिलाफ भादवि की धारा 323,294,506,327,384,34 में प्रकरण दर्ज किया है।
जानकारी अनुसार रतलाम जिले के बाजना निवासी बंगाली डॉक्टर तपन राय ने कुछ दिनों पूर्व वीडियो जारी कर सैलाना के विधायक डोडियार पर एक करोड़ रुपये मांगने का आरोप लगाया था। तपन राय ने कहा था कि विधायक ने उनको 19 फरवरी को उनके घर पर बुलाया था और कहा था कि तुम्हें अगर अस्पताल चलाना है तो एक करोड़ रुपये देना पड़ेंगे, नहीं तो तुम्हें काम नहीं कराने दूंगा और अधिकारियों को बुलवाकर तुम्हारा क्लीनिक भी बंद करवा दूंगा। आरोपों को विधायक डोडियार ने सिरे से खारिज करते हुए बदनाम करने की साजिश बताया था। साथ ही उन्होंने कहा था कि मैं किसी भी तरह के गैर कानूनी काम संचालित नहीं होने दूंगा।
विधायक डोडियार द्वारा रुपये मांगने की शिकायत तपन राय द्वारा सैलाना थाने पर की गई थी। इसमें जांच के बाद सैलाना थाने पर विधायक डोडियार के खिलाफ धारा 323, 294, 506, 327, 384, 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है। सैलाना थाना प्रभारी अय्यूब खान ने बताया कि विधायक कमलेश्वर डोडियार के खिलाफ तपन राय द्वारा शिकायत की गई थी, साथ ही कुछ सबूत भी उपलब्ध करवाए गए थे। जिनके आधार पर मामला दर्ज किया गया है। जांच के बाद जैसे तथ्य सामने आएंगे उस अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
सैलाना एसडीओपी इडला मौर्य ने बताया कि जांच में सामने आया कि विधायक कमलेश्वर डोडियार बाजना में तीन घंटे तक मेडिकल संचालक की दुकान पर बैठे थे। उसके पहले मेडिकल संचालक को फोन लगाकर सैलाना अपने निवास पर भी बुलाया था। सारे तथ्यों को देखा गया। उसी आधार पर विधायक के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है।
रतलाम के पुलिस अधीक्षक राहुल कुमार लोढ़ा ने बताया कि फरियादी तपन राय ने सैलाना विधायक कमलेश्वर डोडियार पर एक करोड़ रुपये मांगने का आरोप लगाया था। इस मामले की जांच एसडीओपी सैलाना को दी गई थी। उसमें जो तथ्य सामने आए हैं, उसके हिसाब से मामला दर्ज किया गया है। ये मामला गैर जमानती धाराओं में दर्ज किया गया है। जिसमें 10 साल की सजा का प्रावधान है। इस मामले में गिरफ्तारी कर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
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