नई दिल्ली (New Dehli)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी(congress leader) आगामी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections)में केरल की वायनाड सीट (Wayanad seat)छोड़ सकते हैं। सूत्रों के हवाले से बताया कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष (former president of congress)के इस बार वायनाड से लोकसभा चुनाव न लड़ने की चर्चा है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 के आम चुनाव में राहुल 2 लोकसभा सीटों से ताल ठोंक सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी के कर्नाटक या तेलंगाना की किसी एक सीट और उत्तर प्रदेश की किसी एक सीट से इलेक्शन में खड़े होने की संभावना है। मालूम हो कि राहुल वायनाड से सांसद हैं। उन्होंने 2019 के चुनाव में यहां से 4 लाख से अधिक वोटों से जीत दर्ज की थी। वहीं, केंद्रीय मंत्री और भाजपा उम्मीदवार स्मृति इरानी 2019 में राहुल गांधी को अमेठी सीट से हरा दिया था। बीजेपी कैंडिडेट ने 55 हजार से अधिक वोटों से जीत दर्ज की थी।
एनी राजा को वायनाड सीट से उम्मीदवार बनाया
राहुल गांधी को लेकर यह खबर ऐसे समय सामने आई है, जब केरल में सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) में शामिल भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए 4 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है। भाकपा, एलडीएफ का दूसरा सबसे बड़ा घटक दल है। पार्टी की सीनियर नेता एनी राजा को वायनाड सीट से उम्मीदवार बनाया गया है। भाकपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व सांसद पन्नियन रवींद्रन को तिरुवनंतपुरम से टिकट दिया गया है। इस सीट का प्रतिनिधित्व अभी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर कर रहे हैं। भाकपा ने पूर्व कृषि मंत्री वी एस सुनिल कुमार और पार्टी की युवा इकाई ऑल इंडिया यूथ फेडरेशन के नेता सी ए अरुणकुमार को क्रमश: त्रिशूर और मवेलीक्कारा से उम्मीदवार बनाया है।
केरल पर भाजपा भी दे रही जोर, कल PM मोदी का दौरा
दूसरी ओर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 महीने से भी कम समय में केरल का तीसरी बार दौरा करने वाले हैं। इसे लेकर राज्य में पार्टी कार्यकर्ताओं के भीतर आत्मविश्वास बढ़ गया है। केरल में भाजपा को चुनाव जीतने में पूर्व में चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। लगभग एक साल पहले मोदी ने केरल में सत्ता हासिल करने की अपनी पार्टी की आकांक्षा सामने रखी थी। पीएम मोदी आधिकारिक कार्यक्रम के लिए मंगलवार को केरल राज्य की राजधानी तिरुवनंतपुरम पहुंचने वाले हैं, जहां वह भाजपा की प्रदेश इकाई की ओर से आयोजित पदयात्रा के समापन समारोह में भी भाग लेंगे। पार्टी इस दक्षिणी राज्य में लोकसभा चुनाव में कुछ सीट जीतने की उम्मीद कर रही है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और कांग्रेस का दावा है कि इस दक्षिणी राज्य में कमल नहीं खिलेगा।
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