इंदौर। यशवंत क्लब की मैनेजिंग कमेटी ने गत वर्ष नए सदस्य बनाने का निर्णय लिया और आवेदन फॉर्म भी बुलवा लिए और 190 आवेदन मिले, जिनमें से 172 को मंजूर किया गया और 4 साल में 100 नए सदस्य बनाना तय किया और हर साल 25 सदस्यों का चयन कमेटी करेगी। इसमें एक पैंच संविधान संशोधन मंजूरी का फंसा था, जिसको लेकर क्लब के ही सदस्य ने याचिका दायर की थी, जिस पर हाईकोर्ट ने भी निर्देश दिए कि 2 हफ्ते में फर्मस एंड सोसायटी फैसला करे। नतीजतन अभी पिछले दिनों सहायक पंजीयक ने उस संविधान संशोधन को मंजूरी दे दी, जिसके तहत नए सदस्य बनाए जा सकते हैं।
यशवंत क्लब की सदस्यता हासिल करना सभी रसूखदारों का सपना रहता है। यही कारण है कि वर्षों बाद क्लब की मैनेजिंग कमेटी ने विशेष सदस्यता श्रेणी के तहत नए 100 सदस्य बनाना तय किए और उसके लिए आवेदन फॉर्म भी हासिल कर लिए। जीएसटी सहित लगभग 29 लाख रुपए की राशि के चेक भी आवेदन फॉर्म के साथ जमा कराए गए। मगर क्लब के ही एक सदस्य ने इसको चुनौती दी और यह आरोप लगाए कि क्लब के संविधान में संशोधन किए बगैर ही मैनेजिंग कमेटी ने नई सदस्यता देने का निर्णय ले लिया और बकायदा 29 जून 2023 को आयोजित हुई एजीएम और फिर 18 अगस्त को ईओजीएम में इसे मंजूर भी करते हुए सदस्यता देने की प्रक्रिया शुरू कर डाली। उसके बाद हाईकोर्ट ने भी फर्मस एंड सोसायटी को निर्देश दिए, जिस पर अभी सहायक पंजीयक ने संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी देने के आदेश जारी कर दिए।
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