जम्मू (Jammu )। कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandits) ने 75 वर्षों के बाद भारत-पाकिस्तान नियंत्रण रेखा (एलओसी) (India-Pakistan Line of Control (LOC) पर स्थित टीटवाल क्षेत्र में माघ पूर्णिमा (Magh Purnima) पर पवित्र स्नान (Holy bath) किया। इसके लिए टीटवाल में शनिवार को धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रशासन की ओर से तीर्थयात्रियों को पवित्र स्थल तक ले जाने के लिए हेलिकॉप्टर की व्यवस्था की गई थी। आमतौर पर माघ पूर्णिमा को काव पुनिम भी कहा जाता है।
शारदा बचाओ समिति कश्मीर के सदस्यों के साथ टीटवाल में रह रहे कश्मीरी पंडितों ने किशनगंगा नदी पर बने नवनिर्मित घाट पर पवित्र स्नान कर आस्था की डुबकी लगाई। बताया जा रहा है कि खराब मौसम और सड़क बंद होने के कारण कई तीर्थयात्री टीटवाल नहीं पहुंच सके। इस मौके पर समिति के सदस्य महावीर थुस्सू और आदित्य गंजू ने कहा कि इस शुभ दिन पर सैन्य अधिकारियों के अलावा करनाह के एसडीएम जफर शाह ने यात्रियों का स्वागत किया।
सेव शारदा समिति के प्रमुख और संस्थापक ने किशनगंगा घाट पर तत्काल चेंजिंग रूम बनाने की मांग की। धार्मिक कार्यक्रम में टीटवाल पहुंचने के लिए शारदा समिति के सदस्यों व तीर्थयात्रियों को हेलिकॉप्टर सुविधा मुहैया करवाने के लिए कुपवाड़ा डीसी का धन्यवाद किया।
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