नई दिल्ली: हाल फिलहाल में कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया था कि उनके अकाउंट्स फ्रीज कर दिए गए हैं. अब पार्टी ने एक और बड़ा आरोप लगाया है. आरोप है कि आयकर विभाग ने उसके तीन बैंक खातों से अवैध रूप से 65 करोड़ रुपए निकाल लिए. पार्टी के यह तीन खाते हैं- @INCIndia, IYC और NSUI. इसमें IYC और NSUI से ₹5 करोड़ और INC से ₹60.25 करोड़ निकालने का आरोप है. पार्टी ने इसे सरकार का एक चिंताजनक कदम है बताया है. कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा कि ये भाजपा सरकार का आर्थिक आतंकवाद है.
माकन ने कहा कि राजनीतिक दलों को आयकर का भुगतान करने की छूट दी गई है. तो फिर ऐसा क्यों किया गया. उन्होंने सवाल पूछा है कि क्या बीजेपी भी इनकम टैक्स का भुगतान करती है या नहीं. तो फिर कांग्रेस को 210 करोड़ रुपए से जुड़े मामले का सामना क्यों करना पड़ रह है. अजय माकन ने हैरानी जताई है कि जब हम इनकम टैक्स ट्रिब्यूनल में गए, उसकी सुनवाई से पहले इनकम टैक्स के अधिकारी बैंकों को धमकी देकर हमारा पैसा कैसे ले सकते है. पार्टी का कहना है कि धनराशि जमीनी स्तर से जुटाई गई थी, जिसमें आईवाईसी और एनएसयूआई की क्राउडफंडिंग और सदस्यता अभियान शामिल थे. पार्टी ने ये भी आरोप लगाया है कि बीजेपी कांग्रेस को चुनाव लड़ने से रोकना चाहती है इसलिए ऐसा किया गया.
कांग्रेस फाइनेंशियल टेररिज्म का शिकार हो रही है
कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि ऐसे लोकतंत्र कैसे बचेगा, ये तानाशाही राज है. लोकसभा चुनाव से पहले सरकार ने हमारा अकाउंट हाईजैक कर लिया है. कांग्रेस फाइनेंशियल टेररिज्म का शिकार हो रही है. वेणुगोपाल ने इसे विपक्ष की आवाज़ दबाने की कोशिश करार दिया है और कहा है कि ऐसा इतिहास में कभी नहीं हुआ. उन्होंने बताया कि पार्टी ट्रिब्यूनल में अपना पक्ष रख रही है.
आर्थिक रूप से अपंग करने की साजिश: जयराम रमेश
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने वहीं कहा है कि कांग्रेस पार्टी को आर्थिक रूप से अपंग करने की साजिश बीजेपी कर रही है. जनता के सामने ही लोकतंत्र की हत्या की जा रही है. जयराम ने साथ ही यह भी कहा कि यूपी चुनाव से पहले नोट बंदी की ताकि हम चुनाव न जीत जाए, 2024 से पहले एक बार फिर हमारे ऊपर आतंकवादी हमला किया है ताकि चुनाव न लड़ पाएं. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी को 30 कंपनियों ने 300 करोड़ से ज्यादा चंदा दिया.
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