नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 (lok sabha election 2024) में मायावती (Mayawati) ने पहले ही ऐलान कर दिया है कि उनकी पार्टी अकेले ही चुनाव में उतरने वाली है. बीएसपी (BSP) के सामने इस वक्त संकट बहुत बड़ा है, क्योंकि पार्टी का जनाधार लगातार कम हो रहा है. ऐसे वक्त में 4 सांसद भी हाथी से उतरकर कमल का हाथ थाम सकते हैं. 2019 के चुनाव में बसपा ने 10 सीटों पर जीत हासिल की थी. एसपी और बीएसपी के गठबंधन का फायदा पार्टी को हुआ था, लेकिन अब 4 जीते हुए सांसद अपना पाला बदलने वाले हैं. गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी को पहले ही सपा टिकट दे चुकी है. एक और सांसद दानिश अली को पार्टी से निष्कासित किया जा चुका है.
सूत्रों का कहना है कि यूपी की लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) में बीजेपी यूपी की 80 सीटों के लिए क्षेत्रवार योजना बना रही है. दूसरी पार्टी के ऐसे नेताओं से संपर्क में है जिनका टिकट कट सकता है और उनके जीतने की संभावना है. बीएसपी के 4 सांसदों से बीजेपी संपर्क में है और उनका टिकट भी पक्का माना जा रहा है. बसपा (BSP) के इन सांसदों को अपने टिकट कटने की आशंका है.
लालगंज से बसपा की सांसद संगीता आजाद कुछ समय पहले पीएम मोदी से मिली थीं. उस वक्त से ही अटकलें हैं कि जल्द ही वह भगवा पार्टी में शामिल हो सकती हैं. इसके अलावा जौनपुर से सांसद श्याम सिंह यादव भी यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से मिल चुके हैं. रितेश पांडेय ने संसद भवन में पीएम मोदी के साथ लंच किया था. इन तीनों के अलावा मलूक नागर जो बिजनौर से सांसद हैं वह भी पाला बदल सकते हैं. उनके बारे में कहा जा रहा है कि वह बीजेपी और रालोद दोनों के ही साथ संपर्क में हैं.
समाजवादी पार्टी से गठबंधन तोड़ने के बाद बीएसपी के सामने अस्तित्व बचाने की चुनौती है. विधानसभा चुनाव में अकेले ही पार्टी उतरी थी और वोट शेयर में गिरावट के साथ बीएसपी से सिर्फ एक ही विधायक जीतने में कामयाब रहे. अब पार्टी के 10 जीते हुए सांसद में से 6 अलग-अलग दलों में जा चुके हैं या जाने वाले हैं. ऐसे वक्त में इस चुनाव में बीएसपी के सामने अस्तित्व बचाने का संकट है.
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