नई दिल्ली (New Delhi)। जरा सोचिए आप रास्ते से गुजर रहे हैं या ऑफिस में हैं या किसी पार्टी में एंजॉय कर रहे हैं, तभी अचानक आपके सामने बैठे शख्स को कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest) आ जाए तो आप क्या करेंगे? यकीनन ये एक भयानक अनुभव हो सकता है, साथ ही ऐसा सोचना भी किसी भी आम शख्स के लिए परेशान कर देने वाला हो सकता है लेकिन जरा सोचिए अगर कभी ऐसा हो, तो इस स्थिति में आपका पहला एक्शन क्या होगा?
कार्डियक अरेस्ट को हृदय की बीमारियों में सबसे अधिक खतरनाक माना जाता है क्योंकि यह अचानक होता है और अगर तुरंत इलाज न मिला तो व्यक्ति की जान भी जा सकती है.
वैसे भी कार्डियक अरेस्ट आने पर फर्स्ट एड बेहद महत्वपूर्ण होता है। आपके आसपास अगर किसी को कार्डियक अरेस्ट आ जाए तो इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि शुरुआती 5 मिनट में ही मरीज को जरूरी First Aid मिल जाए, जिससे मरीज की जान बचने की संभावनाएं बढ़ जाती है। किसी को कार्डियक अरेस्ट आने पर आसपास के सभी लोग घबरा जाते हैं जो कि लाजिमी भी है। लेकिन इस मौके पर दिमागी संतुलन बनाए रखना और मरीज को सही ट्रीटमेंट देना जरूरी होता है।
कार्डियक अरेस्ट के लक्षण
अगर कोई व्यक्ति अचानक गिर जाए, उसकी पल्स बंद हो जाए और सांस भी रुक जाए और बेहोश हो जाए। ये सारी स्थितियां कार्डियक अरेस्ट की ओर इशारा करती हैं। इसके पहले मरीज को सीने में असहजता, सांस लेने में दिक्कत, कमजोरी और अनियमित धड़कन महसूस हो सकती है।
फर्स्ट एड में क्या करें?
पुणे के रूबी हॉल क्लीनिक के सीनियर कंसल्टेंट कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. राहुल पाटिल कहते हैं कि कार्डियक अरेस्ट के पहले कई बार लक्षण दिखाई देते हैं और कई बार नहीं भी दिखाई देते हैं। किसी को कार्डियक अरेस्ट आने के बाद फर्स्ट एड से जुड़ी कुछ जरूरी बातें करना आवश्यक हैं।
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