नई दिल्ली (New Delhi) । हर साल लाखों की संख्या में भारतीय (Indian) अमेरिका (America) का रुख करते हैं. इनमें कुछ बतौर सैलानी अमेरिका पहुंचते हैं तो कुछ कारोबार के इरादे से. लेकिन अमेरिका जाने वालों में एक बड़ी तादाद भारतीय छात्रों (indian students) की होती है. ऐसे में एक इच्छा हमेशा अमेरिका की सड़कों पर ड्राइविंग (driving) करने की भी रहती है. लेकिन क्या आपको पता है कि अमेरिका में भारत के ड्राइविंग लाइसेंस (driving license) से भी कार या बाइक चला सकते हैं.
अमेरिका ही नहीं बल्कि किसी भी देश में इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस की मदद से आसानी से दोपहिया या फोर व्हिलर चलाया जा सकता है. लेकिन ये इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस बनता कैसे हैं और इसके क्या नियम-कायदे हैं.
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क्या है इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस?
इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस दोपहिया और फोर व्हीकल चलाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वैध लाइसेंस है. इसकी वैलेडिटी लगभग एक साल की होती है. इस तरह के लाइसेंस को चाइनीज से लेकर जर्मनी, स्पैनिश और अरबी सहित कई भाषाओं में बनवाया जा सकता है. कहा जाता है कि ये लाइसेंस दुनियाभर के लगभग 150 देशों में मान्य है. इसकी वैलेडिटी खत्म होने पर इसके रिन्यू कराया जा सकता है.
ये लाइसेंस क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) के अलावा वेस्टर्न इंडियन ऑटोमोबाइल एशोसिएशन और इंटरनेशनल ट्रैफिक कंट्रोल एशोसिएसन के जरिए भी बनवाया जा सकता है.
भारतीय लाइसेंस भी अमेरिका में वैलिड
इसके साथ ही अमेरिका में आपका भारतीय लाइसेंस भी एक साल तक के लिए वैलिड होगा. लेकिन ये सुनिश्चित करने की जरूरत होगी कि भारतीय लाइसेंस अंग्रेजी में हो. इसके साथ ही अमेरिका में प्रवेश के लिए प्रूफ के तौर पर I-94 फॉर्म का होना भी जरूरी है. यह फॉर्म अमेरिका में ड्राइविंग के नियमों के अधीन है और इस फॉर्म के होने से आप बिना किसी रूकावट के अमेरिका की सड़कों पर कार चला पाएंगे.
अमेरिका में बसे लोग ऐसे बनवा सकते हैं लाइसेंस
अगर आप अमेरिका में स्थायी रूप से बस चुके हैं, तो वहां से लाइसेंस बनवा सकते हैं. जिस राज्य में आपका घर होगा, आप वहां के ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट से लाइसेंस बनवा सकते हैं. लाइसेंस बनवाने के लिए बस एड्रेस प्रूफ की जरूरत होती है.
ऐसे मिलता है अमेरिका का लाइसेंस
अगर आपकी उम्र 18 साल से कम है, तो पहले आपको लर्निंग लाइसेंस मिलता है. लर्निंग लाइसेंस की वैलिडिटी 6 महीने से 1 साल तक होती है. हालांकि, चाहे लर्निंग लाइसेंस हो या परमानेंट लाइसेंस, दोनों के लिए एक लिखित परीक्षा पास करनी होती है.
लाइसेंस के लिए आपके पास एड्रेस और आईडी प्रूफ होना जरूरी है. अगर उम्र 18 साल से कम है तो माता-पिता या स्कूल से एफिडेविट ला सकते हैं. लिखित परीक्षा पास करने के बाद आंखों का टेस्ट भी होता है. अगर आंख कमजोर हैं तो लाइसेंस नहीं मिलता है. चश्मा या लेंस लगवाना जरूरी होता है.
लिखित परीक्षा पास करने के बाद ड्राइविंग टेस्ट होता है. अगर आपने लिखित परीक्षा के साथ-साथ ड्राइविंग टेस्ट भी पास कर लिया तो फिर लाइसेंस मिल जाता है. हालांकि, इससे पहले सारे दस्तावेजों की जांच की जाती है.
अमेरिका में गाड़ी चलाने का नियम
भारत में बायीं ओर गाड़ी चलाई जाती है. जबकि, अमेरिका में राइट हैंड साइड गाड़ी चलाने का नियम है. अमेरिका में गाड़ी चलाते समय सीट बेल्ट पहनना जरूरी है. इसके साथ ही स्पीड लीिमिट का भी खास ध्यान रखना होता है.
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