जबलपुर: पीसीसी चीफ जीतू पटवारी (PCC Chief Jitu Patwari) अपने सोशल मीडिया अकाउंट (social media account) पर एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में एक युवक कुछ नाबालिग बच्चों को रस्सी से बांध कर पिटाई कर रहा है. वीडियो शेयर करने के मामले में जीतू पटवारी मुश्किलों में पड़ते दिख रहे (Jeetu Patwari seems to be in trouble) हैं. पटवारी की तरफ से इस वायरल वीडियो को एक्स पर पोस्ट करने के बाद मध्य प्रदेश के प्रशासनिक हलकों (Administrative circles of Madhya Pradesh) में हड़कंप मच गया. वायरल वीडियो जबलपुर का बताया गया तो जिला और पुलिस प्रशासन ने आनन-फानन में जांच करके अपना स्पष्टीकरण जारी किया है. एसपी आदित्य प्रताप सिंह का कहना है कि वायरल वीडियो का जबलपुर से कोई संबंध है.
दरअसल, भीम आर्मी की महाराष्ट्र की महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष नेहा शिंदे ने एक्स पर एक वीडियो को पोस्ट करके बताया कि जबलपुर में मासूम बच्चों की कुएं से पानी भरने की बात पर बेरहम पिटाई की गई. सोशल मीडिया पर यह वीडियो तीन-चार दिनों से वायरल हो रहा था. इसी बीच वायरल वीडियो को जीतू पटवारी ने भी पहले रीट्वीट किया और बाद में हटा लिया. पीसीसी चीफ जीतू पटवारी की तरफ से एक्स पर वीडियो पोस्ट करने के बाद हड़कंप मच गया. एक के बाद एक बीजेपी के कई नेता पीसीसी चीफ जीतू पटवारी की घेराबंदी करने में जुट गए.
प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल से लेकर नरेंद्र सलूजा ने ट्वीट कर जीतू पटवारी पर गुमराह करने का आरोप लगा दिया. जबलपुर कैंट सीट से बीजेपी विधायक अशोक रोहाणी का कहना है कि जीतू पटवारी पहले भी इस तरह की झूठी खबरें सोशल मीडिया पर पोस्ट कर चुके हैं. यह उनकी आदत बन चुकी है. इसी बीच जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने कहा है कि बच्चों की पिटाई वाले कथित वीडियो का जबलपुर जिले से कोई सबन्ध नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी की तरफ से एक्स पर पोस्ट किया गया बच्चों की पिटाई वाला कथित वीडियो जबलपुर जिले का नहीं है. पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह ने कहा कि कथित वीडियो की जांच की गई है. यह जबलपुर जिले का नहीं है.
जबलपुर के एडिशनल एसपी सूर्यकांत शर्मा का कहना है कि कथित पिटाई का वीडियो वायरल करने के मामले में इसे पोस्ट करने वालों पर कार्रवाई हो सकती है. जबलपुर पुलिस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वीडियो पोस्ट करने वालों की कुंडली खंगाल रही है. भ्रामक जानकारी फैलाने वालों पर आईटी एक्ट के कार्रवाई करने की तैयारी है.
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