लखनऊ: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग को लेकर पेंच फंसा हुआ है. लगातार सवाल उठ रहा है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होंगे कि नहीं, जिसका जवाब खुद अखिलेश यादव ने दे दिया है. उन्होंने साफ कर दिया है कि वह तभी भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होंगे जब सीट बंटवारे पर फैसला हो जाएगा.
अखिलेश यादव ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा को लेकर कहा कि अभी कांग्रेस से बातचीत चल रही है. कई सूचियां उधर से आईं, इधर से भी गईं. जिस समय सीटों का बंटवारा हो जाएगा उस समय समाजवादी पार्टी भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होगी.
जयराम को उम्मीद, अखिलेश यात्रा में होंगे शामिल
इस समय कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा उत्तर प्रदेश में है और आज अमेठी पहुंचने वाली है. पार्टी अखिलेश यादव को यात्रा में शामिल होने का न्योता भेज चुकी है. पिछले दिनों अखिलेश ने कहा था कि उन्हें यात्रा में शामिल होने का न्योता नहीं दिया गया, जिसके बाद कांग्रेस ने न्योता भेजा था. काग्रेस के नेता जयराम रमेश ने उम्मीद जताई है कि अखिलेश यात्रा में जरूर शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि कल अखिलेश यादव भी भारत जोड़ो न्याय यात्रा से जुड़ेंगे.
दरअसल, सपा और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे पर फिर गतिरोध बन गया है. समाजवादी पार्टी 17 सीटें देने को तैयार है. इन सीटों की लिस्ट कांग्रेस अध्यक्ष अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भी भेज दी गई है, लेकिन कांग्रेस ने मुरादाबाद मंडल में दो सीटों की डिमांड कर दी है. कांग्रेस पार्टी मुरादाबाद लोकसभा सीट भी चाहती है. पिछले चुनाव में इस सीट पर समाजवादी पार्टी की जीत हुई थी. समाजवादी पार्टी किसी भी सूरत में ये सीट छोड़ने को तैयार नहीं है.
सपा ने अमेठी और रायबरेली से नहीं लड़ा था चुनाव
बता दें कि पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का बेहद खराब प्रदर्शन रहा था. यही नहीं, उसने पूरे देश में 52 सीटें जीती थीं, जिसमें से पूर्वोत्तर या हिंदी बेल्ट में बहुत कम सीटों पर जीत हासिल कर सकी है. उत्तर प्रदेश में केवल रायबरेली की सीट मिली थी, जबकि राहुल गांधी खुद अपना गढ़ अमेठी बचाने में कामयाब नहीं हो सके थे.
उन्हें बीजेपी की कद्दावर नेता स्मृति ईरानी ने हरा दिया था. सपा ने कांग्रेस के प्रति शिष्टाचार दिखाते हुए अमेठी और रायबरेली में चुनाव लड़ने से परहेज किया था. हालांकि इस बार पार्टी ने कड़ा रुख अपनाते हुए कांग्रेस को 17 सीटें देने की पेशकश की है और इस बात पर अड़ी हुई है कि अगर इंडिया गठबंधन कायम रहता है तो कांग्रेस किसी अन्य सीट पर नहीं लड़ सकती. अब सीटों पर समझौते की गेंद कांग्रेस के पाले में है.
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