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    Mahashivratri 2024: इस महाशिवरात्रि पर बन रहे कई दुर्लभ योग, जानिए पूजन विधि

  • February 19, 2024

    उज्‍जैन (Ujjain)! महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2024) का व्रत बेहद फलदायी माना गया है। इस दिन भगवान शिव के साथ मां पार्वती की पूजा होती है जो लोग इस दिन का व्रत रखते हैं उनके घर में धन का अभाव कभी नहीं रहता है।

    भगवान भोलेनथ और माता पार्वती के विवाह के उत्सव को महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है. पंचांग के अनुसार हर साल महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन मास की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. इस वर्ष महाशिवरात्रि का पर्व 08 मार्च के दिन मनाया जाएगा. 8 मार्च को महाशिवरात्रि का पर्व ग्रहों की शुभ युति तथा शिवयोग के सर्वार्थसिद्धि योग में मनेगा.



    महाशिवरात्रि पर दुर्लभ योग में शिवजी की पूजा
    8 मार्च को महाशिवरात्रि का पर्व ग्रहों की शुभ युति तथा शिवयोग के सर्वार्थसिद्धि योग में मनेगा. इस बार की महाशिवरात्रि और भी खास होगी. पंचांग की गणना व धर्मशास्त्रीय मान्यता के अनुसार महाशिवरात्रि पर इस प्रकार के योग संयोग व ग्रह स्थिति 300 साल में एक या दो बार ही बनती है. इस दुर्लभ योग में भगवान शिव की पूजा शीघ्र फल प्रदान करने वाली मानी गई है. महाशिवरात्रि पर शुक्रवार के दिन श्रवण नक्षत्र उपरांत धनिष्ठा नक्षत्र, शिवयोग, गर करण तथा मकर/कुंभ राशि के चंद्रमा की साक्षी रहेगी. वहीं, कुंभ राशि में सूर्य, शनि, बुध का युति संबंध रहेगा. इस प्रकार के योग तीन शताब्दी में एक या दो बार बनते हैं, जब नक्षत्र, योग और ग्रहों की स्थिति केंद्र त्रिकोण से संबंध रखती है.

    शुभ संयोग और शुभ मुहूर्त में भगवान शिव की आराधना करने से उनके भक्तों को मनोवांछित फलों की प्राप्ति होगी. इस दिन सुबह से ही मंदिरों में शिव भक्तों की भीड़ जमा हो जाती है. सभी भक्त प्रभु की पूजा-अर्चना में जुट जाते हैं. कई लोग इस दिन अपने-अपने घरों में रुद्राभिषेक भी करवाते हैं. भगवान भोलेनाथ की कई प्रकार से पूजा अर्चना की जाती है. लेकिन महाशिवरात्रि पर यदि भक्त बेलपत्र से भगवान शिव की विशेष पूजा करें तो उनके धन संबंधी दिक्कतें दूर हो जाएंगी.

    वर्ष भर में आने वाली 12 शिवरात्रियों में यह महाशिवरात्रि है. अर्थात फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी से युक्त यह शिवरात्रि महाशिवरात्रि की श्रेणी में आती है. इस दिन भगवान शिव की विशेष रूप से पूजा करनी चाहिए. इसमें पंचामृत अभिषेक, षोडशोपचार या पंचोपचार पूजन, अष्टाध्यायी रूद्र, लघु रूद्र, महा रूद्र आदि के माध्यम से भगवान शिव को प्रसन्न किया जा सकता है.

    महाशिवरात्रि पर सर्वार्थ सिद्धि योग
    महाशिवरात्रि पर सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. सर्वार्थ सिद्धि योग में शिवजी की पूजा करने से और व्रत रखने से आपको परमसिद्धि की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग धन लाभ और कार्य सिद्धि के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है. इस शुभ योग में कोई भी नया कार्य, बिजनस या फिर नौकरी में नई शुरुआत करना अच्छा परिणाम देने वाली मानी जाती है.

    इन चीजों से करें भगवान शिव का अभिषेक
    महाशिवरात्रि पर्व के दिन भगवान शिव की उपासना के समय शिवलिंग पर शहद से अभिषेक करना शुभ होता है. ऐसा करने से श्रद्धालु के कार्य जीवन में आ रही सभी समस्याएं दूर हो जाती है और भगवान शिव की कृपा बनी रहती है. शिवरात्रि के दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक दही से करने से भी आर्थिक क्षेत्र में आ रही सभी परेशानियां दूर हो जाती है. वहीं गन्ने के रस से भगवान शिव का अभिषेक करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. भगवान शिव का अभिषेक करते समय 108 बार ‘ॐ पार्वतीपतये नमः’ मंत्र का जाप करना चाहिए. ऐसा करने से जीवन में अकाल संकट नहीं आता है.



    महाशिरात्रि पूजन विधि
    महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव को पंचामृत से स्नान करा कराएं. केसर के 8 लोटे जल चढ़ाएं. पूरी रात्रि का दीपक जलाएं. चंदन का तिलक लगाएं. बेलपत्र, भांग, धतूरा, गन्ने का रस, तुलसी, जायफल, कमल गट्टे, फल, मिष्ठान, मीठा पान, इत्र व दक्षिणा चढ़ाएं. सबसे बाद में केसर युक्त खीर का भोग लगा कर प्रसाद बांटें.

    भगवान भोलेनाथ को क्यों चढ़ाते हैं बेलपत्र
    भगवान शिव पर बेलपत्र चढ़ाए जाने के पीछे एक कथा है जो माता पार्वती से जुड़ी हुई है. कहते हैं भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए माता पार्वती ने कठोर तपस्या की थी. उन्होंने भगवान शिव के लिए कई व्रत किए थे. एक बार भगवान शिव बेल के वृक्ष के नीचे तपस्या कर रहे थे कई व्रत भी शिवजी को पाने के लिए माता पार्वती ने किए थे. एक दिन भगवान शिव जंगल में बेलपत्र के वृक्ष के नीचे बैठकर तपस्या कर रहें थे. माता पार्वती जब शिवजी की पूजा के लिए सामग्री लाना भूल गई तो उन्होने नीचे गिरे हुए बेलपत्र से शिवजी को पूरी तरह ढक दिया, जिससे शिवजी अत्यधिक प्रसन्न हुए. तब से भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाया जाने लग.

    शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने का लाभ
    भगवान भोलेनाथ बहुत ही जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं. वैसे तो भगवान भोलेनाथ की पूजा विभिन्न प्रकार से की जाती है, लेकिन जो भक्त भगवान भोलेनाथ की पूजा करते समय उन्हें बेलपत्र अर्पित करता है, उसको बहुत लाभ होता है. महाशिवरात्रि पर भगवान शिव को जो भक्त बेल अर्पित करते हैं उनकी धन संबंधी समस्याएं दूर हो जाती हैं. इसके साथ ही जो पति-पत्नी एक साथ महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव पर बेलपत्र चढ़ाते हैं उनका वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है. साथ ही संतान सुख की प्राप्ति भी होती है.

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