येरुसलम (Jerusalem)। इस्राइल और हमास (Israel and Hamas War) के बीच लंबे समय से युद्ध चल रहा है। युद्ध के बीच अमेरिका और इस्राइल (America and Israel) के बीच दूरी दिखाई देने लगी है। तनाव के बीच इस्राइली कैबिनेट (Israeli Cabinet) ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव (Pass proposal unanimously.) पास किया, जो कहीं न कहीं अमेरिका के पक्ष से उलट है। कैबिनेट के फैसले में कहा गया कि इस्राइल फलस्तीन के साथ स्थायी समाधान से जुड़े सभी अंतरराष्ट्रीय आदेशों (International orders) को पूरी तरह से खारिज करता है। अगर कोई समझौता होता है तो वह बिना किसी पूर्व शर्त के पक्षों के बीच सीधी बातचीत के माध्यम से होगा। प्रस्ताव में कहा गया कि इस्राइल फलस्तीन की एकतरफा मान्यता का विरोध करना जारी रखेगा। यह प्रस्ताव आंतकवाद के खिलाफ एक बड़ा पुरस्कार होगा।
दो राज्यों का समर्थन करता है अमेरिका
इस्राइली प्रस्ताव पर अमेरिका ने प्रतिक्रिया दी है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि गाजा में संकट का स्थायी अंत हासिल करने का सबसे अच्छा तरीका फलस्तीन राज्य का निर्माण है। इसके प्रति हमारी प्रतिबद्धता है। अमेरिका दो राज्य के समाधान का मजबूती से समर्थन करता है। अमेरिका उन सभी नीतियों के खिलाफ है, जो पारस्परिक हितों और मूल्यों के उलट हैं।
राफा में अभियान रोकने से नेतन्याहू ने किया मना
गौरतलब है कि इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने राफा में जारी आईडीएफ अभियान को रोकने के वैश्विक आह्वान को खारिज कर दिया है। नेतन्याहू का कहना है कि यह हमास के खिलाफ युद्ध हारने जैसा होगा। उन्होंने कहा कि जो लोग हमें राफा में कार्रवाई रोकने की सलाह दे रहे हैं, वे हमसे कह रहे हैं कि युद्ध हार जाओ। मैं ऐसा होने नहीं दूंगा। मैं प्रण करता हूं कि हम किसी के भी दवाब में नहीं आएंगे और न ही किसी के दबाव में झुकेंगे। इस्राइल के अनुसार, गाजा-मिस्र सीमा पर स्थित राफा ही अब हमास का अंतिम गढ़ है। लेकिन परेशानी यह है कि राफा में ही 10 लाख से अधिक फलस्तीनियों ने शरण ले रखी है।
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