नई दिल्ली (New Delhi) । हमारे देश मे एक जुलाई 2017 से वस्तु और सेवा कर (GST) लागू हुआ था. जीएसटी की दर अलग-अलग वस्तुओं और सेवाओं पर भिन्न-भिन्न है. सुपरमार्केट (Supermarket) के बिल (Bill) से लेकर मल्टीप्लेक्स टिकट और रेस्टोरेंट या होटल में खाने-पीने के बिल पर हमें जीएसटी (GST) चुकाना पड़ता है. यह टैक्स हम सरकार को सीधे ना देकर व्यापारियों के माध्यम से सरकार को देते हैं. लेकिन, बहुत सी जगह हमें जीएसटी नहीं देना होता. लेकिन, जानकारी के अभाव में हम इसे चुकाते हैं. इन जगहों में बहुत से रेस्टोरेंट भी शामिल है. जो रेस्टोरेंट्स सरकार की जीएसटी कॉम्पोजिशन स्कीम (GST Composition Scheme) का लाभ ले रहे हैं, वे ग्राहक से रेस्टोरेंट में बने खाने के बिल पर जीएसटी नहीं ले सकते.
छोटे व्यापारियों पर टैक्स का बोझ कम करने के लिए कॉम्पोजिशन स्कीम का लाभ दिया जाता है. कंपोजिशन स्कीम अपनाने वाले कारोबारी, टैक्स की रसीद (tax invoice) नहीं जारी कर सकते। क्योंकि, इन्हें अपने ग्राहकों (customers) से टैक्स लेने का अधिकार नहीं होता. इसकी बजाय कंपोजिशन कारोबारियों को अपनी जेब से टैक्स चुकाना पड़ता है.
क्या है जीएसटी कॉम्पोजिशन स्कीम?
जिन कारोबारियों का सालाना टर्नओवर 1.50 करोड़ रुपए से अधिक नहीं है और उनका अन्य राज्यों के साथ व्यवसाय नहीं होता है, वे जीएसटी की कंपोजिशन स्कीम ले सकते हैं. कंपोजिशन स्कीम में रजिस्टर्ड हो जाने के बाद न तो हर महीने रिटर्न दाखिल करना पड़ेता है और न ही सभी सौदों की रसीदें पेश करनी पड़ती है. वस्तुओं (Goods) के कारोबार पर सिर्फ 1 फीसदी टैक्स चुकाना पड़ता है. सेवाओं (Services) के कारोबार पर 6 फीसदी तो बिना शराब वाले रेस्टोरेंट कारोबार पर 5 फीसदी टैक्स देना होता है.
बिल बता देगा, जीएसटी देना है या नहीं
आप जिस रेस्टोरेंट में खाना खाएं, उसके बिल को जरूर गौर से देखें. जो भी जीएसटी कॉम्पोजिशन स्कीम का लाभ लेता है उसे अपने प्रतिष्ठान के बिल पर अनिवार्य रूप से “composition taxable person, not eligible to collect tax on supplies” लिखना होगा. अगर बिल पर यह चीज लिखी है तो वह आपके बिल में जीएसटी चार्ज नहीं जोड़ सकता. आप खाने के बिल पर अतिरिक्त लगाया गया जीएसटी चार्ज देने से मना कर सकते हैं.
आप जीएसटी पोर्टल (GST Portal) के जरिए भी यह पता लगा सकते हैं कि आपने जिस रेस्टोरेंट में खाना खाया है, उसने जीएसटी कॉम्पोजिट स्कीम का लाभ उठाया है या नहीं. पोर्टल पर चेक करना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि बहुत से व्यापारी ग्राहकों से ज्यादा रुपये वसूलने के लिए उसे मिली छूट का उल्लेख अपने बिल पर नहीं करते हैं. ऑनलाइन पता करने के लिए…
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