इंदौर। कमलनाथ के नजदीकी दो पूर्व विधायकों के भी भाजपा का दामन थामने की अटकलें तेज हो गई हैं। दोनों ही नेता शहर से बाहर हैं। हालांकि उनका कहना है कि वह एक शादी समारोह में राजस्थान में आए हैं। इस मामले में संजय शुक्ला ने जहां खुलकर कहा कि मैं शहर से बाहर हूं तो विशाल पटेल ने फोन नहीं उठाया।
इंदौर में कमलनाथ समर्थक संजय शुक्ला, विशाल पटेल और राजा मंधवानी को चुनाव लड़ाया गया था। तीनों ही नेता हार गए। बाकी दिग्विजयसिंह समर्थक जो चुनाव लड़े थे वह भी हार गए हैं। शुक्ला और पटेल के बारे में तो पहले भी अफवाह उड़ी थी कि वे भाजपा का दामन थाम सकते हैं, लेकिन वह कोरी ही साबित हुई। इसके बाद अब जब कमलनाथ का नाम भाजपा में जाने को लेकर चल पड़ा है तो उनके नाम भी आगे-आगे दौड़ रहे हैं। फिलहाल दोनों ही नेता राजस्थान के उदयपुर में किसी शादी में गए हुए हैं। इस मामले में संजय शुक्ला ने कहा कि वह अभी शादी समारोह में हैं। इंदौर आने के बाद ही कुछ कह पाएंगे तो विशाल पटेल ने फोन तक नहीं उठाया। कुल मिलाकर अभी सभी समर्थकों से कहा गया है कि वह इस मामले में मीडिया के सामने किसी प्रकार की बयानबाजी न करें।
सज्जन समर्थक भी बोले जहां हमारे नेता, वहां हम
इंदौर। पूर्व मंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता सज्जनसिंह वर्मा ने भी कहा कि वह कमलनाथ के साथ रहेंगे तो उनके समर्थक भी सार्वजनिक न बोलते हुए कह रहे हैं कि जहां हमारे नेता हैं, वहां हम हैं। सज्जनसिंह वर्मा कमलनाथ के बेहद गरीबी और खास सिपहसालारों में जाने जाते हैं। मालवा-निमाड़ के कई नेता वर्मा के साथ-साथ कमलनाथ के फैसले का इंतजार कर रहे हैं तो कई नेता अभी पसोपेश की स्थिति में हैं कि वह भाजपा में जाएं या नहीं? इसको लेकर अटकलों का दौर चल रहा है। हालांकि अटकलें तभी समाप्त होंगी, जब कमलनाथ इस बारे में कोई निर्णय लेंगे। कुछ नेताओं का कहना है कि कमलनाथ के जाने के बाद भाजपा को तो फर्क नहीं पड़ेगा और न ही उनके समर्थकों को। अलबत्ता जो विधायक चुने गए थे उन्हें फिर से चुनाव लडऩा पड़ेगा। वे विधायक तो बन जाएंगे, लेकिन बाकी नेताओं का क्या होगा? कई नेता इसी उधेड़बुन में भी लगे हैं कि कमलनाथ गुट का कांग्रेस से सफाया होता है तो उन्हें नई जवाबदारी मिल सकती है।
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