लखनऊ (Lucknow)। कांग्रेस (Congress) के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के नेतृत्व में निकल रही भारत जोड़ो न्याय यात्रा (Bharat Jodo Nyaya Yatra) के जरिए उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में भी सियासी माहौल बनाने का प्रयास किया जा रहा है। बुंदेलखंड के बजाय पश्चिमी उत्तर प्रदेश (Western Uttar Pradesh) में न्याय यात्रा ले जाने के सियासी निहितार्थ हैं। पार्टी नेताओं की ख्वाहिश है कि अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्र (Minority dominated areas) में न्याय यात्रा के जाने से वहां के लोगों का जुड़ाव बढ़ेगा।
कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा का रूट तीन बार बदल चुका है। शनिवार को वाराणसी के बाद भदोही होते हुए यह यात्रा प्रयागराज पहुंचनी थी, लेकिन राहुल गांधी अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड चले गए हैं। अब वह सीधे रविवार को प्रयागराज पहुंचेंगे। ऐसे में वाराणसी से लेकर भदोही तक स्वागत और जनसभा कराने की तैयारी पर पानी फिर गया है। आगे का रूट भी बदल गया है। पहले जहां यह यात्रा कानपुर से हमीरपुर होते हुए झांसी के रास्ते मध्य प्रदेश जानी थी, इसे कानपुर में दो दिन के लिए स्थगित कर दिया गया है। अब यह यात्रा 24 से अल्पसंख्यक बहुल मुरादाबाद, संभल के रास्ते आगरा होते हुए राजस्थान की सीमा में प्रवेश करेगी।
इन जगहों में खास दिलचस्पी
पार्टी सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस ने जिन लोकसभा सीटों को पहली प्राथमिकता में रखा है, उनमें राहुल गांधी की न्याय यात्रा ले जाने से ज्यादा सियासी फायदा मिलने की उम्मीद है। यही वजह है कि वाराणसी, भदोही के बाद प्रयागराज को जोड़ा गया। प्रतापगढ़ में कम समय देने के पीछे भी यही मकसद है। यात्रा के दौरान अमेठी और रायबरेली में पर्याप्त समय तय किया गया है। इसी तरह लखनऊ के बाद उन्नाव के रास्ते कानपुर को कवर किया जा रहा है। मुरादाबाद, संभल, अलीगढ़, बुलंदशहर, हाथरस और आगरा पर भी पार्टी अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही है। यही वजह है कि इन लोकसभा क्षेत्रों से यात्रा को ले जाने की योजना बनाई गई। हालांकि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय कहते हैं कि हर क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने के लिए यात्रा का रूट बदला गया है।
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