कोलकाता (Kolkata)। पश्चिम बंगाल (West Bengal) में शेर (Lion) का नाम ‘अकबर’ (Akbar) और शेरनी (Lioness) का नाम ‘सीता’ (Sita) रखने के खिलाफ विश्व हिंदू परिषद (Vishwa Hindu Parishad) ने कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) की जलपाईगुड़ी सर्किट बेंच (Jalpaiguri Circuit Bench) में वन विभाग के खिलाफ याचिका दायर की है। इसमें बताया है कि विभाग शेर और शेरनी के कथित तौर पर यह नाम रखने जा रहा है। इन्हें सिलीगुड़ी सफारी पार्क में रखा जा रहा है।
हाईकोर्ट में जस्टिस सौगत भट्टाचार्या की बेंच के समक्ष 16 फरवरी को यह मामला रखा गया। उन्होंने इस पर 20 फरवरी को सुनवाई रखी है। विहिप के अनुसार शेरों को त्रिपुरा के सिपाहीजाला वन्य अभयारण्य सिपाहीजाला से लाया गया था। शेर 7 साल का है और शेरनी 6 साल की।
सीएम ममता बनर्जी रखेंगी नाम
सामने आया कि वन विभाग पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से शेरों के नामकरण करवाएगा। इसी वजह से आधिकारिक तौर पर अभी विभाग ने नहीं बताया है कि इनके नाम सच में अकबर और सीता होंगे या नहीं। वन विभाग ने कोई और बयान भी जारी नहीं किया। ब्यूरो
हिंदू धर्म का अपमान : विहिप
विहिप की स्थानीय इकाई के प्रमुख दुलाल चंद्र रे ने दावा किया कि शेरों के नाम अकबर और सीता रख कर हिंदू धर्म पर हमला करने का प्रयास हो रहा है। इसका कड़ा विरोध किया जाएगा, फिलहाल कोर्ट का सहारा लिया गया है। विहिप के वकील शुभंकर दत्ता ने बताया कि सरकारी दस्तावेज में शेरों को नर व मादा बताया गया है, लेकिन सफारी पार्क लाने में इन्हें अकबर और सीता नाम दिए जा रहे हैं, जिसे बदलने की मांग की गई है।
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