लखनऊ (Lucknow) । राज्यसभा (Rajya Sabha) की 10 सीटों के लिए हो रहे चुनाव (Election) में ग्यारहवें प्रत्याशी (candidate) की एंट्री ने चुनावी रोमांच बढ़ा दिया है। सारे प्रत्याशियों के पर्चे वैध होने के बाद अब खेला होना तय माना जा रहा है। भाजपा और सपा (BJP and SP) दोनों ही अपनी खेमेबंदी में जुटे हैं। भाजपा जहां बागियों और गैरहाजिरों में सफलता का रास्ता खोज रही है, तो समाजवादी पार्टी भगवा खेमे के सहयोगियों में ही संभावना तलाशने में जुटी है। सपा की नजर राष्ट्रीय लोकदल और सुभासपा के उन विधायकों पर है, जो समाजवादी बैकग्राउंड वाले हैं।
भाजपा के नए दांव से सपा के सामने तीसरी सीट बचाने की चुनौती है। वहीं भगवा खेमे की प्रतिष्ठा आठवें प्रत्याशी की जीत से जुड़ गई है। भाजपा 2018 में इस प्रयोग में सफलता पा चुकी है, जब उसने क्रॉस वोटिंग के सहारे नौवें प्रत्याशी की नैय्या भी पार लगी ली थी। पार्टी इसी प्रयोग को फिर दोहराना चाहती है।
छुपे हुए सहयोगियों से भाजपा को आस उसकी नजर एनडीए के सहयोगियों के अलावा राजा भैय्या के जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के 2 और बसपा के इकलौते विधायक पर भी है। इसके अलावा पार्टी जेल में बंद तीन विधायकों को भी अपने लिए मुफीद मान रही है। इनमें रमाकांत यादव और इरफान सोलंकी सपा और अब्बास अंसारी सुभासपा के विधायक हैं। पल्लवी की बगावत और कुछ छुपे हुए सहयोगियों से भी भाजपा को आस है। अब देखना यह है कि कितने विधायक गैरहाजिर रहेंगे क्योंकि उसी हिसाब से सीट जीतने के लिए जरूरी विधायकों का आंकड़ा भी घट जाएगा।
किस ओर रहेगी विधायकों की निष्ठा दूसरी ओर सपा की बात करें तो उसकी रणनीति जेल में बंद विधायकों को मतदान की अनुमति दिलाने के लिए कोर्ट का द्वार खटखटाने की है। इसके अलावा उसे सुभासपा और रालोद के उन छह-सात विधायकों से भी उम्मीद है, जो सपाई बैकग्राउंड के हैं। इनमें अब्बास भी शामिल है। इसके अलावा रालोद के गुलाम मोहम्मद सहित तीन विधायक सपा ने हैंडपंप चुनाव चिन्ह पर अपने लड़ाए थे। अब देखना यह है कि इन विधायकों की निष्ठा किस ओर रहती है।
जयंत की भी परीक्षा, सफलता पर मिलेगा इनाम इधर, इंडिया गठबंधन से किनारा कर एनडीए का रुख करने वाले रालोद मुखिया जयंत चौधरी का राज्यसभा चुनाव में पहला इम्तिहान होना है। जयंत के सामने चुनौती अपने सभी नौ विधायकों का वोट भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में कराने की है। माना जा रहा है कि राज्यसभा चुनाव के बाद रालोद को केंद्र और यूपी की सत्ता में भागीदारी मिलने वाली है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved