इस्लामाबाद (Islamabad)। हाल ही में पाकिस्तान (Pakistan) में आए आम चुनाव के नतीजों (General election results.) के बाद यह सवाल था कि देश का अगला प्रधानमंत्री (Prime Minister) कौन होगा। हालांकि, इस पद के लिए शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) के नाम की घोषणा से अब तस्वीर साफ हो चुकी है। प्रधानमंत्री (Prime Minister) पद के उम्मीदवार के रूप में शहबाज के नाम को आगे बढ़ाया है।
इससे पहले अटकलें थीं कि उनके बड़े भाई नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) के नाम का एलान किया जाएगा। पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) ने शहबाज के नाम का एलान कर दिया। आइये जानते हैं आखिर कौन हैं शहबाज शरीफ? उनका सियासी सफर कैसे रहा है? उन्हें पीएम पद की कुर्सी क्यों दी जा रही है?
कौन हैं शहबाज शरीफ?
शहबाज शरीफ वर्तमान में पीएमएल-एन ने पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हैं। शहबाज का जन्म पूर्वी शहर लाहौर में एक अमीर परिवार में हुआ था जो स्टील व्यवसाय में था। उन्होंने लाहौर के गवर्नमेंट कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की है।
शाहबाज 1985 में लाहौर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष चुने गए। इसके साथ ही उन्होंने सार्वजनिक सेवा में करियर की शुरुआत की। इसके बाद वह अपने बड़े भाई नवाज शरीफ की राह पर चलते हुए सक्रिय राजनीति में शामिल हो गए। वह पहली बार 1988 में पंजाब प्रान्त की विधानसभा के लिए चुने गए थे। 1990 में विधानसभा भंग होने तक वह इस पद पर बने रहे।
1990 में पहली बार सांसद चुने गए
शाहबाज 1990-93 के दौरान पाकिस्तानी संसद के उच्च सदन नेशनल असेंबली के लिए चुने गए। फिर 1993 में पंजाब विधानसभा के लिए चुने गए। उन्होंने 1996 तक विपक्ष के नेता के रूप में काम किया। वह 1997 में तीसरी बार पंजाब विधानसभा के सदस्य बने और मुख्यमंत्री भी बने।
1999 में एक सैन्य तख्तापलट के बाद केंद्र में पीएमएल-एन सरकार के साथ उनकी सरकार गिरा दी गई। इसी दौरान शाहबाज की गिरफ्तारी कर ली गई और बाद में निर्वासन में भेज दिया गया। शाहबाज शरीफ 2008 में चौथी बार पंजाब विधानसभा के सदस्य के रूप में निर्विरोध चुने गए। जून 2008 से मार्च 2013 तक दूसरी बार पंजाब प्रान्त के मुख्यमंत्री भी रहे।
2013 के चुनावों में उनकी पार्टी पीएमएल-एन प्रचंड जनादेश के साथ पंजाब में सत्ता में आई। इसके बाद उन्हें रिकॉर्ड तीसरी बार पंजाब प्रान्त के मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया। शाहबाज शरीफ के बड़े नवाज शरीफ को 2017 में पनामा पेपर्स खुलासे से संबंधित संपत्ति छिपाने के आरोप में दोषी पाया गया। इसके बाद शाहबाज पीएमएल-एन के प्रमुख बन गए।
इमरान सरकार गिरी तो पहली बार बने पीएम
2022 में पाकिस्तान में राजनीतिक उठापटक हो गई। तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया और उनकी कुर्सी चली गई। इसके बाद शहबाज शरीफ को देश का नया प्रधानमंत्री चुना गया। शरीफ अगस्त 2023 तक इस पद पर बनी रहे।
अब पीएम की दौड़ में सबसे आगे क्यों आए शहबाज?
हाल ही में हुए आम चुनाव के बाद शहबाज शरीफ को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के रूप में उम्मीदवार घोषित किया गया है। हालांकि, उनके बड़े भाई और तीन बार के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पीएम पद की रेस में आगे बताए जा रहे थे। इस बीच नवाज शरीफ की बेटी मरियम ने कहा कि उनके पिता पूर्ण बहुमत के बिना गठबंधन सरकार नहीं चलाना चाहते थे क्योंकि प्रधानमंत्री के रूप में उनके पिछले तीन कार्यकालों में उनके पास स्पष्ट बहुमत था।
उनकी पीएमएल-एन को 336 सीटों वाली नेशनल असेंबली में 80 सीटों पर जीत मिली है, लेकिन बहुमत के लिए छह अन्य पार्टियों ने उन्हें समर्थन देने का एलान किया है। इनमें बिलावल भुट्टो जरदारी की पार्टी पीपीपी भी शामिल है। पीपीपी को इस चुनाव में 54 सीटें मिली हैं। दोनों पार्टियों की सीट संख्या बहुमत के आंकड़े के लिए पर्याप्त है। 264 सदस्यीय सदन में बहुमत का आंकड़ा 133 है। जबकि, इन दोनों दलों के पास कुल 134 सीटें हैं।
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