मुंबई (Mumbai) । आरबीआई (RBI) के कार्यकारी निदेशक पी वासुदेवन (P Vasudevan) का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) को ‘मुद्रा’ नहीं माना जा सकता है क्योंकि इनका कोई अंतर्निहित मूल्य नहीं होता है। आईआईएम कोझिकोड के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, इस पर फैसला आखिरकार सरकार को लेना है कि क्रिप्टो मुद्राओं से किस तरह निपटा जाए। वर्तमान में बिटकॉइन को भारत में कोई कानूनी समर्थन नहीं है। निवेशकों को इसमें कारोबार से अर्जित आय पर कर देना पड़ता है।
आरबीआई ने बिटकॉइन जैसी नए जमाने की क्रिप्टो मुद्राओं को लेकर आलोचनात्मक रुख अपनाया हुआ है। उसका कहना है कि ये मुद्राएं वित्तीय प्रणालियों के लिए प्रणालीगत जोखिम पैदा करती हैं। पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ नियामकीय कार्रवाई व प्रतिबंधों पर वासुदेवन ने कहा कि स्व-नियमन वित्तीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र की बेहतर सुरक्षा कर सकता है।
विदेशी मुद्रा भंडार 5.24 अरब डॉलर घटा
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 9 फरवरी को समाप्त सप्ताह में 5.24 अरब डॉलर घटकर 617.23 अरब डॉलर रह गया। 2 फरवरी वाले सप्ताह में यह भंडार बढ़कर 622.5 अरब डॉलर रहा था। आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, 9 फरवरी वाले सप्ताह में विदेशी मुद्रा संपत्ति 4.81 अरब डॉलर घट गई। देश का स्वर्ण भंडार 35 करोड़ डॉलर घट गया।
चीन आयातित सोलर ग्लास पर डंपिंग जांच
भारत ने चीन और वियतनाम से कुछ सौर ग्लास के आयात पर डंपिंग रोधी जांच शुरू की है। व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) चीन और वियतनाम में बने ‘टेक्सचर्ड टेम्पर्ड कोटेड’ और ‘अनकोटेड ग्लास’ की कथित डंपिंग की जांच कर रहा है। घरेलू उद्योग की ओर से बोरोसिल रिन्यूएबल्स ने जांच और आयात पर उचित डंपिंग रोधी शुल्क लगाने के लिए आवेदन किया है।
254 अरब डॉलर पहुंच सकता है प्रौद्योगिकी उद्योग का राजस्व
घरेलू प्रौद्योगिकी उद्योग का राजस्व चालू वित्त वर्ष में 3.8 फीसदी बढ़कर 254 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। हार्डवेयर को छोड़ इस उद्योग का राजस्व पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 3.3 फीसदी बढ़कर 2023-24 में 199 अरब डॉलर पहुंच सकता है। सॉफ्टवेयर उद्योग निकाय नैसकॉम ने शुक्रवार को अपनी वार्षिक समीक्षा में कहा, अकेले इंजीनियरिंग शोध एवं विकास (ईआरएंडडी) क्षेत्र की चालू वित्त वर्ष में कुल निर्यात राजस्व वृद्धि में 48 फीसदी हिस्सेदारी रहने वाली है। संगठन ने कहा, वैश्विक स्तर पर 2023 में तकनीकी खर्च में 50 फीसदी और तकनीकी अनुबंधों में छह फीसदी की गिरावट आने के बावजूद चालू वित्त वर्ष में 3.8 फीसदी की बढ़ोतरी का अनुमान है।
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