कच्छ (Kachchh) । सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के निर्देश के बाद सीआईडी (CID) क्राइम बॉर्डर रेंज ने कच्छ में इलेक्ट्रोथर्म (ईटी) कंपनी के निदेशकों, कर्मचारियों और 6 पुलिस अधिकारी समेत 19 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है. पीड़ित ने कंपनी के मालिक के खिलाफ साल 2015 में शिकायत दर्ज कराई थी. अब कोर्ट ने मामले पर संज्ञान लेते हुए आरोपियों के खिलाफ सीआईडी को मामला दर्ज करने का आदेश दिया है.
पीड़ित ने लगाए गंभीर आरोप
पीड़ित की शिकायत के मुताबिक, परमानंद शिरवानी 2011 में इलेक्ट्रोथर्म कंपनी में कार्यरत थे. फिर उन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया, क्योंकि वह नौकरी नहीं करना चाहते थे. लेकिन कंपनी ने उन्हें नौकरी से नहीं निकाला. कंपनी के मालिकों ने शिकायतकर्ता को भरोसे में लिया और डायरेक्टर बनाने की बात की. इसके बाद उसे अपने नाम पर एक फर्म खोलने के लिए अहमदाबाद आने के लिए कहा.
इसी दौरान कंपनी के लोगों ने बंदूक की नोक पर उसका अपहरण कर लिया. इसके बाद उन्हें कंपनी के बंगले, ऑफिस और फार्म हाउस में रखा गया. इस दौरान पीड़ित के साथ मार पीट भी गई. बाद में शिकायतकर्ता और एक महिला से जबरन कोरे कागजों पर हस्ताक्षर करा लिए गए और संपत्ति भी जबरन लिख ली गई.
इसके अलावा शिकायतकर्ता कि मां के घर से 20 लाख नकद और 10 लाख के सोने के आभूषण जबरन जब्त कर लिए गए और जान से मारने की धमकी देकर जबरन 10 लाख रुपये नकद भी ले लिए.
हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ SC ने लगाया था स्टे
इससे पहले शिकायतकर्ता ने साल 2019 में गुजरात हाई कोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं दायर की थीं, जिसके बाद हाईकोर्ट ने 10 अक्टूबर 2019 को मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया. लेकिन आरोपी इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट से स्टे ले आए और फिर 16 जनवरी 2024 को रोक हटा ली गई. इसलिए 10 अक्टूबर, 2019 के उच्च न्यायालय के आदेश के आधार पर मामला दर्ज किया गया है. कच्छ सीआईडी क्राइम ने के तत्कालीन SI एन.के.चौहान, तत्कालीन डीएसपी वी.जे. गढ़वी, फिर डीएसपी डी.एस. वाघेला, फिर डीएसपी आर.डी. देसाई, तत्कालीन एसपी जी.वी. बारोट IPS , फिर तत्कालीन एस.पी. भावना पटेल IPS के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है.
इस लोगों पर दर्ज हुई FIR
शिकायतकर्ता परमानंद शिरवानी के अपहरण के लिए इलेक्ट्रोथर्म मालिक शैलेश भंडारी के खिलाफ और पुलिस शिकायत नहीं लेने पर पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. पुलिस अधिकारियों के खिलाफ गंभीर धाराओं वाली शिकायतें दर्ज की गई हैं. कुल 19 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई हैं, जिसमें इलेक्ट्रोथर्म कंपनी के मालिक शैलेश भंडारी, तत्कालीन एसपी जी.वी. बारोट ,आईपीएस, तत्कालीन एसपी भावनाबेन पटेल, तत्कालीन डीवाईएसपी वी. जे. गढ़वी, तत्कालीन डीवाईएसपी डी.एस. वाघेला, तत्कालीन डीवाईएसपी आर.डी.देसाई, तत्कालीन SI एन.के.चौहान, भंडारी इलेक्ट्रोथर्म कंपनी के मालिक अनुराग मुकेश, संजय जोशी, मानव संसाधन महाप्रबंधक, बलदेव रावल ,सुरक्षा प्रभारी, अहमदाबाद, अमित पटवारिका, हितेश सोनी, श्रीधर मूलचंदानी, अनिल द्विवेदी, बैंकट सोमानी, महेंद्र पतीरा, पवनगौर, शिवम पोद्दार, सिक्योरिटी आईटी कंपनी.
‘CID क्राइम राजकोट जोन करेगा जांच’
सीआईडी के ADGP ने आजतक को बातचीत में बताया कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था और शिकायतकर्ता ने शिकायत दर्ज कराई हैं, जिसके संबंध में अपराध दर्ज किया गया है और मामले की जांच CID क्राइम राजकोट जोन करेगा. पूरे मामले में जिन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. इनमें से ज्यादातर पुलिस अधिकारी हमेशा विवादों से घिरे रहे हैं और उनके खिलाफ इससे पहले भी गंभीर आरोप लग चुके है.
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