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    उज्जैन में 3 हजार ई-रिक्शा की आवश्यकता, दौड़ रहे 10 हजार

  • February 15, 2024

    • यहां ई-रिक्शा को अलग-अलग मार्गो में निश्चित रूट पर चलाने की तैयारी, इंदौर में 2 मार्च से वाहन की बिक्री और रजिस्ट्रेशन पर रोक

    उज्जैन। शहर की तंग गलियों और सड़कों के मान से यहां 3 हजार ई-रिक्शा की आवश्यकता है। जबकि शहर में इनकी संख्या 10 हजार तक पहुंच गई है। यातायात सुधार के लिए संबंधित विभाग ई-रिक्शा को अलग-अलग मार्गो में निश्चित रूट पर चलाने की तैयारी में है। जबकि इंदौर में आगामी 2 मार्च से ई-रिक्शा की बिक्री और रजिस्ट्रेशन पर रोक लगने जा रही है।


    प्रदेश के अन्य शहरों की तरह धार्मिक नगरी उज्जैन में भी बढ़ती ई-रिक्शा वाहनों की संख्या यातायात के लिए बड़ी मुसीबत बनने लगे हैं। यहां पिछले डेढ़ साल में लगभग 9500 ई-रिक्शा सड़कों पर चलने लगे हैं, जिससे यातायात बाधित हो रहा है। इस समस्या से निपटने के लिए अब जिला प्रशासन, परिवहन विभाग और पुलिस महकमे ने नया प्लान तैयार किया है। प्लान ये है कि ये ई-रिक्शा अब निश्चित मार्गों पर ही चलाए जाने की अनुमति रहेगी। जो भी ई-रिक्शा चालक इस नियम का पालन नहीं करेगा उसे प्रशासनिक कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। उल्लेखनीय है कि महाकाल लोक निर्माण के बाद पर्यटको और श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। इसी के चलते शहर में बड़ी संख्या में नए ई-रिक्शा चलने लगे हैं। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी संतोष मालवीय का कहना है कि शहर में 9500 से ज्यादा ई-रिक्शा चल रहे हैं। इनमें पंजीकृत के अलावा कुछ अपंजीकृत रिक्शा होने की भी जानकारी सामने आई है। उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह यातायात को सुदृढ़ बनाने के लिए ई-रिक्शा को लेकर एक नया प्लान तैयार करने के निर्देश कुछ दिन पहले दे चुके हैं। इस पर पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ई-रिक्शा निश्चित रूट पर संचालित किए जाएंगे। इसे लेकर ई-रिक्शा को अलग-अलग इलाकों में डिवाइड किया जाएगा, ताकि श्रद्धालुओं को सुविधा मिलने के साथ-साथ शहर के यातायात में सुधार लाया जा सके। इसको लेकर आरटीओ संतोष मालवीय ने बताया कि प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की मंशा के अनुरूप परिवहन विभाग द्वारा प्लान तैयार किया जा रहा है। इसके तहत ई-रिक्शा को अलग-अलग मार्गो में निश्चित रूट पर चलाने के निर्देश जारी किए जाएंगे। इसके लिए उन्हें अलग से एक नंबर अलॉट किया जाएगा। नंबर के हिसाब से रूट का निर्धारण होगा। ऐसे में अगर कोई ई-रिक्शा चालक अपने रूट से अलग हटकर चलता है तो उसे परिवहन नियम के विरुद्ध मानकर उसके खिलाफ चालानी कार्रवाई की जाएगी। इधर जानकारों का कहना है कि उज्जैन के क्षेत्रफल और यहां के सड़कों के मान से अधिकतम 3 हजार ई-रिक्शा संचालित होना चाहिए, लेकिन यह इससे तीन गुने से ज्यादा हो गए है। इस कारण पूरे शहर का यातायात प्रभावित हो रहा है।

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