बस संचालक बोले बस के किराए से ज्यादा बस स्टैंड तक पहुंचने का किराया चुकाना पड़ेगा यात्रियों को, शहर से दूर होने से रात के समय साधन भी मुश्किल और सुरक्षा भी नहीं
इन्दौर। नवलखा (Navlakha) और तीन इमली (Teen Imli) से चलने वाली सभी बसों को 16 सितंबर यानी शुक्रवार से नायता मुंडला में बने नए बस स्टैंड (Bus Stand) से चलाने के लिए कलेक्टर आशीष सिंह (Collector Ashish Singh) ने आदेश दिए हैं। बस संचालक इन आदेशों से संतुष्ट नहीं हैं और इसके विरोध में कोर्ट पहुंचे हैं। बस संचालकों का कहना है कि मौजूदा बस स्टैंड से बसों को हटाने का कोई औचित्य नहीं है, ना ही नए बस स्टैंड तक यात्रियों का पहुंचना आसान है।
नए बस स्टैंड से बसों का संचालन शुरू करवाने के लिए कल कलेक्टर ने सभी बस संचालकों को नायता मुंडला बुलवाया था। यहां बस संचालकों ने कई तरह की परेशानी बताई। लेकिन कलेक्टर ने इनका निराकरण करने के आश्वासन के साथ कहा कि आपको 16 से बसें यहीं से शुरू करना है पुराने बस स्टैंड से बसें नहीं चलने दी जाएगी। नवलखा बस स्टैंड के अध्यक्ष ब्रजमोहन राठी ने बताया कि प्रशासन ने पहले से इसकी जानकारी नहीं दी थी और दादागिरी करते हुए यह आदेश थोपा जा रहा है, जबकि दोनों बस स्टैंड शहर से लगभग बाहर हैं, जिनसे जाम जैसी कोई स्थिति नहीं बनती है, इसके बाद भी बेवजह बसों को नायता मुंडला भेजा जा रहा है।
बस से ज्यादा किराया बस स्टैंड तक पहुंचने का
बस संचालकों के साथ ही नए बस स्टैंड से बसों का संचालन शुरू होने से आम यात्रियों को भी परेशानी होगी। तीन इमली और नौलखा जहां शहर के नजदीक हैं, वहीं नायता मुंडला काफी दूर हैं। यहां तक पहुंचने के पर्याप्त साधन भी नहीं है। राठी ने बताया कि यहां तक आने वाला नायता मुंडला रोड दिनभर अभी ही जाम से घीरा रहता है। यहां तक यात्रियों के आने जाने से ट्रैफिक और बढ़ेगा, पहले इसे फोर या सिक्स लेन करना जरुरी है। साथ ही जिस आरई-2 रोड से बसों के संचालन की बात कही है वह अधूरा है और आखिर में संकरा भी है। बसें पूरी रात चलती हैं, ऐसे में यात्रियों को रात को शहर तक पहुंचने के साधन की भी कमी होगी और यहां तक आने-जाने का किराया बस किराए से कई गुना ज्यादा चुकाना होगा। साथ ही रात के समय सुरक्षा का भी सवाल खड़ा होगा।
रोजाना चलती हैं 289 बसें
राठी ने बताया कि नवलखा बस स्टैंड से रोजाना 99 बसों का संचालन होता है। ये बसें हरदा, होशंगाबाद, बैतुल, हाटपिपल्या, बागली, कम्पैल, डबलचौकी, चापड़ा सहित आसपास के क्षेत्रों तक जाती है। वहीं तीन इमली से 190 बसों का संचालन होता है। ये बसें भोपाल, देवास, शाजापुर, राजगढ़, ब्यावरा, सागर, गुना, ग्वालियर, खिलचीपुर सहित अन्य मार्गों पर चलती हैं। इनसे रोजाना हजारों यात्री सफर करते हैं।
जब सिटी बसें चल सकती हैं तो बसें क्यों नहीं
राठी द्वारा यहां तक यात्रियों के पहुंचने का सवाल उठाए जाने पर अधिकारियों ने कहा कि यहां तक सिटी बसें चलाई जाएंगी। इस पर राठी ने कहा कि जब शहर से सिटी बसें यहां तक आ सकती हैं तो ये यात्री बसें शहर में क्यों नहीं जा सकती है। साथ ही उन्होंने शहर के बीच चल रहे गंगवाल बस स्टैंड और सरवटे बस स्टैंड पर भी सवाल खड़ा किया। उन्होंने बताया कि शासन के इस फैसले के खिलाफ बस संचालकों ने कोर्ट में याचिका दायर की है। बस संचालक चाहते हैं कि मौजूदा बस स्टैंड को ही विकसित किया जाए।
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