फतेहगढ़ साहिब (Fatehgarh Sahib) । पंजाब (Punjab) किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंधेर (Sarwan Singh Pandher) ने मंगलवार को कहा कि बैठक में सरकार (Government) के साथ टकराव से बचने के लिए समाधान खोजने के सभी प्रयास किए गए और उन्हें सकारात्मक परिणाम की उम्मीद है। पंजाब के फतेहगढ़ साहिब में प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरवन सिंह ने कहा कि हम पूरे भारत के सामने अपनी बात रखना चाहते हैं कि कल की बैठक में हमने पूरी कोशिश की कि हम कोई ऐसा फैसला ले सकें जिससे हम सरकार के साथ टकराव से बच सकें और हमें वो मिल जाए जिसकी हमें उम्मीद थी।
उन्होंने कहा कि हम पांच घंटे तक बैठक में बैठे रहे। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए आरोप लगाया कि पुलिस हरियाणा और पंजाब के गांवों में लोगों को परेशान कर रही है। हमने उनके सामने हरियाणा की स्थिति रखी कि आपने हरियाणा को कश्मीर की घाटी में बदल दिया है, आप हरियाणा के हर गांव में पुलिस भेज रहे हैं।
आपने हरियाणा के हर गांव में पानी की बौछारें की हैं। हरियाणा के हर गांव के किसान और रिश्तेदारों को परेशान किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि आपका बेटा एमबीबीएस कर रहा है, वे उसे ऐसा नहीं करने देंगे। अगर आपका भाई कहीं काम कर रहा है, तो हम उसे नौकरी से निकाल देंगे, आपका पासपोर्ट रद्द कर देंगे।
किसान नेता सरवण पंधेर ने आगे कहा कि अन्य उत्पीड़न भी ज्यादा होते जा रहे हैं। ऐसा लगता है कि पंजाब और हरियाणा भारत के दो राज्य नहीं बल्कि एक अंतरराष्ट्रीय सीमा हैं। जैसा कि हम अभी देख रहे हैं। किसान नेता ने किसानों और मजदूरों को कांग्रेस पार्टी के समर्थन के दावों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि किसानों की दुर्दशा के लिए सत्ताधारी भाजपा जितनी दोषी हैं। उतनी ही कांग्रेस भी है। क्योंकि ये नीतियां वही लेकर आई। हम वामपंथी नहीं हैं।
किसान नेता पंधेर ने कहा कि जो लोग अपनी आवाज उठाने जा रहे हैं। वे उनके आदमी हैं। फिर हम अपने लोगों से अपील करेंगे। चाहे वे पंजाब या देश के गायक हों या बुद्धिजीवी, एनआरआई भाई हों, चाहे वह कोई अन्य नागरिक समाज हो। जिसमें पत्रकार भी शामिल हैं। यह सिर्फ हमारा मुद्दा या सवाल नहीं है। यह 140 करोड़ देशवासियों की मांग है।’ किसानों ने अपनी मांगें रखी हैं।
केंद्र सरकार के सामने जिसके लिए वे दिल्ली तक मार्च कर रहे हैं। इस बार का विरोध संयुक्त किसान मोर्चा और पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति द्वारा किसान यूनियन नेताओं जगजीत सिंह दल्लेवाल और सरवन सिंह पंधेर के नेतृत्व में बुलाया गया है। प्रदर्शनकारी किसानों के अनुसार, केंद्र ने उन्हें फसल की बेहतर कीमत देने का वादा किया। जिसके बाद 2021 में किसान आंदोलन को समाप्त कर दिया गया।
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