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    22 हजार मेगावॉट तक पहुंच गई बिजली की मांग, 8 फीसदी की वृद्धि

  • February 13, 2024

    • 545 करोड़ यूनिट बिजली ज्यादा की सप्लाय, प्रदेश के बजट में साढ़े ४ हजार करोड़ रुपए से अधिक सब्सिडी का भी कर दिया प्रावधान

    इंदौर। एक तरफ सौर ऊर्जा को जोर-शोर से बढ़ावा दिया जा रहा है, दूसरी तरफ कृषि उपभोक्ताओं को 10 घंटे और अन्य उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली देने का दावा भी प्रदेश सरकार ने किया है। बिजली की मांग में लगातार वृद्धि भी हो रही है, जो कि 22 हजार मेगावॉट तक पहुंच गई है। गत वर्ष की तुलना में 8 फीसदी अधिक वृद्धि हुई है, जो घरेलू-औद्योगिक और अन्य क्षेत्र में लगातार वृद्धि के चलते दर्ज की गई है। हालांकि बिजली की कीमतें बढ़वाने के लिए भी तीनों कंपनियों ने आयोग के समक्ष याचिकाएं दायर कर रखी हैं, जिसमें 3.84 प्रतिशत बिजली दर वृद्धि की मांग की गई है। प्रदेश सरकार ने अटल गृह ज्योति सहित कई योजनाएं भी शुरू कर रखी हैं, जिसके लिए साढ़े 4 हजार करोड़ रुपए से अधिक की सब्सिडी भी मंजूर की गई है।


    विद्युत उपलब्ध क्षमता 21 हजार 840 मेगावाट हो गई है। 29 दिसंबर 2023 को प्रदेश के इतिहास में सर्वाधिक 17 हजार 586 मेगावॉट शीर्ष मांग की पूर्ति की गई। वित्तीय वर्ष 2023-24 के बचे महीनों में 1 हजार 07 मेगावॉट तथा 2024-25 के दौरान 5 हजार 08 मेगावॉट विद्युत उपलब्ध क्षमता बढ़ाने की रणनीति पर काम शुरू हो गया है। विद्युत कंपनियों ने विद्युत व्यवस्था एवं विद्युत प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए कई उल्लेखनीय काम किए हैं। इनमें 184 मेगावॉट विद्युत उपलब्ध क्षमता में वृद्धि, 12 नवीन अतिउच्चदाब उपकेंद्रों की स्थापना, 636 सर्किट किमी अतिउच्चदाब लाइन का निर्माण, 23 नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेंद्रों की स्थापना, 606 किमी 33 केव्ही एवं 884 किमी 11 केव्ही लाइनों का निर्माण एवं 2 हजार 373 वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना प्रमुख हैं। अप्रैल से दिसंबर 2023 के बीच कुल 7 हजार 335 करोड़ यूनिट विद्युत प्रदाय की गई, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि से 545 करोड़ यूनिट, यानी 8 प्रतिशत ज्यादा है।

    वहीं उपभोक्ताओं के हित में कई योजनाएं शुरू की गई हैं। अटल गृह ज्योति योजना में प्रदेश के ऐसे सभी घरेलू उपभोक्ताओं को योजना का लाभ दिया जा रहा है, जिनकी मासिक खपत 150 यूनिट तक है। पात्र उपभोक्ताओं को प्रथम 100 यूनिट की खपत के लिए अधिकतम 100 रुपए का बिल दिया जा रहा है। अंतर की राशि सब्सिडी के रूप में वितरण कंपनियों को दी जा रही है। योजना में 100 वॉट तक के संयोजित भार के 30 यूनिट तक की मासिक खपत वाली उपभोक्ता श्रेणी एल.व्ही. 1.1 के अनुसूचित जाति/जनजाति के गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले उपभोक्ताओं को प्रतिमाह 25 रुपए का बिल दिया जा रहा है। राज्य शासन द्वारा वितरण कंपनियों को योजना के लिए वर्ष 2022-23 में 8082 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी गई। वर्ष 2023-24 के बजट में 4690 करोड़ रुपए की सब्सिडी का प्रावधान है। इस योजना से लगभग 103 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को प्रतिमाह लाभ मिल रहा है।

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