इंदौर। पूरा प्रदेश कंगाली के दौर से गुजर ही रहा है। स्थानीय विभाग भी सर्वर डाउन होने के चलते भारी मुसीबत में है। परिवहन विभाग का सेंटर सर्वर जहां वाहन और सारथी सुविधा के बजाए दुविधा बनता जा रहा है, वहीं नगर निगम में पिछले डेढ़ से दो माह से ठप पड़े सर्वर के चलते न टैक्स जमा हो पा रहा है और न ही नक्शा पास करने से लेकर अन्य मदों की फीस भी जमा हो पा रही है। उधर सरकार के लिए करोड़ों बटोरने वाले पंजीयन विभाग में भी लोगों की कतारें लगी पड़ी हैं। सर्वर की धीमी रफ्तार के चलते आज की रजिस्ट्री कल हो रही है और लोग कतार लगाकर खड़े हैं। इंदौर सहित विभिन्न विभागों के प्रदेश के सभी अधिकारियों ने मुख्यालय पर इस समस्या की शिकायत की है, जहां से सिर्फ आश्वासन मिल रहा है।
पिछले दो माह से कई विभागों का सेट्रल सर्वर ठप पड़ा है। परिवहन विभाग में अपने कामों के लिए आवेदन करने वाले आवेदकों के पैसे भी सर्वर डाउन होने के कारण अटक रहे हैं, वहीं काम न होने से परिवहन विभाग को भी रोजाना करोड़ों का नुकसान हो रहा है। आरटीओ ऑफिस से मिली जानकारी के मुताबिक 30 जनवरी से ही वाहनों के कामों से जुड़ा वाहन सर्वर और लाइसेंस के कामों से जुड़ा सारथी सर्वर ठीक से काम नहीं कर रहा है। यह न तो पूरी तरह से बंद है न ही ठीक से चल रहा है। दिनभर में सिर्फ कुछ देर ये ठीक से चल रहा है। इसके लिए परिवहन विभाग के अधिकारियों से लेकर एजेंट और आवेदक दिनभर सिस्टम से चिपके रहते हैं। सर्वर काम करता नजर आते ही आवेदक आवेदन करने लगते हैं। कुछ आवेदन होते हैं और फिर अचानक सर्वर क्रेश हो जाता है, जिससे रोजाना प्रदेश में हजारों आवेदकों के पैसे भी कट जाते हैं और काम भी नहीं होता है।
जिससे लोगों की रोजाना लाखों की फीस डूब रही है। यह आलम नगर निगम का है। पिछले दो माह से नक्शे पास नहीं हो रहे थे। अब जैसे तैसे नक्शे पास होने का काम शुरू हुआ तो फीस जमा नहीं हो रही है। इसी तरह संपत्ति कर के खातों की दुरुस्ती से लेकर पैसे जमा करने के काम में भी संकट बना हुआ है। निगमायुक्त हर्षिकासिंह से कई लोगों ने आफ लाइन भुगतान की गुहार की, लेकिन अपने तबादले के इंतजार में बैंठी निगमायुक्त निगम कर्मचारियों के वेतन के संकट के बावजूद निराकरण से मुंह फेर रही हंै। इसी तरह पंजीयन विभाग की हालत है मार्च माह के चलते संपत्तियों का पंजीयन कराने वालों की कतार लगी है लेकिन सर्वर की धीमी गति से चलते अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे होते हैं और पंजीयन कराने वालों को आज के बजाय कल बुलाया जाता है। इससे पहले फीस जमा करने और स्लाट लेने की समस्या से वेंडर जूझते नजर आते हैं। कुल मिलाकर गति से काम करने के लिए बनाया गया सर्वर पूरे प्रदेश की गति में रुकावट बना हुआ है।
सर्वर संभालने के लिए पूरे प्रदेश में सिर्फ तीन अधिकारी, वो भी इंदौर में नहीं
परिवहन विभाग की मुसीबत यह है कि सेंट्रल सर्वर का संचालन और मेंटेनेंस नेशनल इंफॉर्मेशन सेंटर (एनआईसी) द्वारा किया जाता है। इसके लिए प्रदेश में सिर्फ तीन अधिकारी नियुक्त किए गए हैं, वो भी ग्वालियर ऑफिस में बैठते हैं। पूरे प्रदेश में कोई भी समस्या होने पर अधिकारी इन्हें ही बताते हैं और ये अपने स्तर पर समाधान करने का प्रयास करते हैं और नहीं होने पर दिल्ली बात करते हैं। इतना बड़ा सिस्टम होने के बाद भी कम स्टाफ के कारण यह समस्या शुरुआत से ही बनी हुई है। अधिकारियों का कहना है कि इंदौर सबसे बड़ा ऑफिस है, जहां एनआईसी को अलग से यूनिट बनाना चाहिए, ताकी लोगों को परेशानी ना हो।
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