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    पुरुषों में सबसे ज्यादा होता है इस कैंसर का खतरा?

  • February 13, 2024

    नई दिल्‍ली (New Delhi)। भारत में हर साल कैंसर के मामलों में इजाफा हो रहा है। साल 2022 में कैंसर के मामले 14,61,427 थे, जब कि साल 2021 में इसके मामले 14,26,447 और 2020 में 13,92,179 मामले थे। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और नेशनल सेंटर फॉर डिजीज इन्फॉर्मेटिक्स एंड रिसर्च (NCDIR) के अनुसार भारत में हर 10 में एक व्यक्ति को कैंसर होने की संभावना होती है। इसलिए कैंसर की रोकथाम और लोगों में इसकी जागरुकता फैलाने के लिए हर साल 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है।

    तमाम कोशिशों के बावजूद, हर साल कैंसर से कई लोगों की जान जाती है। “यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन” की माने तो पुरुषों में पांच तरह के कैंसर की संभावना ज्यादा होती है। आइए जानते हैं पुरुषों में होने वाले वो पांच तरह के कैंसर और उसके लक्षण के बारे में, जिनके होने की संभावना ज्यादा होती है।



    फेफड़े का कैंसर (लंग कैंसर)
    प्रोस्टेट कैंसर
    कोलोरेक्टल कैंसर
    ब्लैडर कैंसर
    स्किन कैंसर

    लंग कैंसर (फेफड़े का कैंसर) –
    फेफड़ों के कैंसर का सबसे प्रमुख कारण तंबाकू का सेवन या धूम्रपान है। ऐसा भी नहीं है, कि जो लोग धूम्रपान नहीं करते हैं उनको फेफड़ों का कैंसर नहीं हो सकता है, उन्हें भी लंग कैंसर हो सकता है। आजकल शहरों की पदूषित हवा भी लंग कैंसर का कारण बन रही है। लंग कैंसर की जांच के लिए सिने का एलडीसीटी(LDCT) टेस्ट किया जाता है, यानी लो-डोज सीटी स्कैन।

    लंग कैंसर के लक्षण:-
    लंबे समय तक होने वाली खांसी, जो समय के साथ बढ़ती है।
    खांसी के साथ कफ में खून आना।
    खांसते या हंसते हुए खांसी का बढ़ जाना।
    गहरी सांस लेने पर सीने में दर्द और खांसी आना।

    प्रोस्टेट कैंसर –
    लंग कैंसर के बाद सबसे ज्यादा मौतें प्रोस्टेट कैंसर के कारण होती है। यह कैंसर सिर्फ पुरुषों में होता है, क्योंकि प्रोस्टेट ग्रंथी महिलाओं में नहीं पाई जाती है। प्रोस्टेट ग्लैंड पुरुषों में यूरीन और स्पर्म को कंट्रोल करता है। प्रोस्टेट कैंसर कि जांच PSA यानी प्रोस्टेट स्पेसीफिक एंटीजेन टेस्ट के द्वारा किया जाता है।

    प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण:-
    यूरीन पास करते समय दर्द या तेज चुभन महसूस होना
    यूरीन या स्पर्म में ब्लड आने की समस्या होना
    स्खलन के मामले में दर्द होना।
    इरेक्शन में समस्या या बनाए रखने में कठीनाई।
    बार-बार यूरीन पास करने की इच्छा।

    कोलोरेक्टल कैंसर
    कोलोरेक्ट कैंसर को कोलन कैंसर, रेक्टल कैंसर या बड़ी आंत का कैंसर भी कहा जाता है। यह कैंसर कोलन (आंत) या रेक्टल (मलाशय) में होता है, इसलिए इसे कोलोरेक्टल कैंसर कहा जाता है। इसकी शुरूआत में बड़ी आंत में छोटे-छोटे गांठों की तरह क्लम्प्स दिख सकते हैं, जो आगे चलकर कैंसर में विकसित होते हैं। इसके ज्यादातर मामले अडेनोमाटोस पॉलिप्स नामक कोशिकाओं के छोटे गुच्छे की तरह शुरू होते हैं और कैंसर मुक्त होते हैं। समय बीतने के साथ इनमें से कुछ कोशिकाएं कैंसर विकसित करती हैं और कोलोरेक्टल कैंसर का कारण बन जाती हैं ।

    कोलोरेक्टल कैंसर के लक्षण:-
    कब्ज रहना
    पेट में एंठन की समस्या
    आंत के आदतों में बदलाव
    बिना किसी कारण वजन कम होना
    मल त्याग के बाद भी शौचालय जाने की इच्छा
    मल में ब्लड आना

    ब्लैडर कैंसर –
    ब्लैडर यानी मूत्राशय शरीर में पेट के निचल हिस्से में स्थित एक खोखली थैलीनुमा अंग है, जहां यूरीन इकट्ठा होता है। इस कैंसर में ब्लैडर के अंदर असाधारण और अनियंत्रित रूप से कोशिकाएं विकसित होने लगती है। यह कैंसर महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में ज्यादा होता है और किसी भी उम्र में हो सकता है।

    ब्लैडर कैंसर के लक्षण:-
    यूरीन पास करते समय दर्द होना
    यूरीन के साथ ब्लड आना
    पीठ दर्द महसूस होना
    यूरीन पास करने में जलन
    स्किन कैंसर –
    स्किन कैंसर किसी को भी हो सकता है। इस बीमारी में त्वचा के टीश्यू में घातक कैंसर कोशिकाएं बनती है और असामान्य रूप से बढ़ने लगती है। इसका शिकार किसी भी स्किन कलर के लोग हो सकते हैं। लेकिन यह ज्यादातर गोरे स्किन वाले लोगों को प्रभावित करती है, क्योंकि उनमें मेलेनिन नामक पिग्मेंट की मात्रा कम होती है।

    स्किन कैंसर के लक्षण :-
    त्वचा पर अचानक तिल की संख्या में वृद्धी होना और निशान पड़ना।
    पुराने तिल के आकार का अचानक बढ़ना।
    त्वचा पर हुए तिल कि तरह दिखने वाले निशान से पपड़ी उतरना।
    त्वचा पर लाल पपड़ीदार निशान बनना।
    त्वचा पर भूरे या लाल रंग का घाव लंबे समय तक बने रहना।

    ये है पांच तरह के कैंसर और उसके लक्षण, जो पुरुषों में सबसे ज्यादा होते हैं। जब हमारे शरीर में कुछ सेल असामान्य रूप से अनियंत्रित हो कर बढ़ने लगते हैं, तो कैंसर की शुरुआता होती है। कैंसर एक खतरनाक बीमारी है, जिसका सही समय पर इलाज नहीं किया जाए तो यह जानलेवा साबित हो सकती है।

    यदि किसी के साथ, ऐसी स्थिति होती है तो उसकी जीवनशैली बुरी तरह से प्रभावित होती है और उसका परिवार भी भारी वित्तिय संकट से घिर जाता है। ज्यादातर लोग इसके लिए पहले से तैयार नहीं होते हैं। जो लोग वित्तिय रूप से तैयार नहीं होते हैं, उनके लिए स्वास्थ्य बिमा एक बेहतर विकल्प है। ऐसे मुश्किल घड़ी में, यह आपको वित्तिय बोझ से बचाता है और स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करता है, जहां आप खर्चों की चिंता किए बिना बीमारी का इलाज बिमा कंपनी के नटवर्क अस्पताल में आसानी से करा सकते हैं।

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