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    किसान मार्च को लेकर खुफिया रिपोर्ट, बॉर्डर सील; नहीं दोहरानी है 2021 वाली गलती

  • February 11, 2024

    गुरुग्रामः किसानों के दिल्ली कूच की कॉल के बाद पुलिस व प्रशासन ने उनको रोकने की पूरी तैयारियां कर ली है. सभी पुलिस फोर्स अंबाला के शम्भू बॉर्डर पर तैनात कर दी गई है. साथ ही तीन लेयर की बैरीकेडिंग कर दी गई है. पुलिस का साफ तौर से ये कहना है कि किसान कानून को अपने हाथ में न ले! शम्भू बॉर्डर पर तैनात फोर्स के साथ डीएसपी अरशदीप सिंह का कहना है, ‘किसान आंदोलन के चलते बॉर्डर सील कर दिया है. अगर किसान आते है तो उनको ये कहेंगे कि वे इससे आगे न जाएं क्योंकि उनके पास परमिशन नहीं है!

    किसान आंदोलन के चलते हरियाणा के कुछ जिलों में आज सुबह छः बजे से ही इंटरनेट बंद कर दिए गए हैं ताकि कोई गलत इस्तेमाल न कर सके. पुलिस ने पूरी तरह से पंजाब से आने वाले सभी रास्तों को सील कर दिया है. ताकि किसान यहां से आगे न जा सके. पंजाब से आने वाला मुख्य मार्ग शम्भू बॉर्डर है, जहां से किसानों को कूच करना है वो पूरी तरह से सील किया गया है. भारी पुलिस बल मौके पर तैनात कर दी गई है. हालांकि किसानों ने 13 तारीख की दिल्ली कूच करने की बात कही है. लेकिन पुलिस पिछली बार की तरह किसान आंदोलन की गलती को नहीं दोहराना चाहती है. पुलिस की अब भी यही कोशिश है कि किसान कानून को अपने हाथ में न ले.


    शम्भू बॉर्डर पर तैनात डीएसपी अरशदीप का कहना है कि वे आने वाले किसानों से अब भी कहेंगे की यहां ना आएं क्योंकि आपके पास परमिशन नहीं है और वापिस चले जाएं. वहीं किसान आंदोलन को लेकर खुफिया रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें बताया गया है कि किसान आंदोलन के लिए ट्रैक्टरों से कई रिहर्सल कर चुके हैं. अब तक ऐसी 40 रिहर्सल और मार्च (हरियाणा में 10 और पंजाब में 30) हो चुके हैं. आंदोलन के लिए 15 से 20 हजार किसान 2000-2500 ट्रैक्टरों के साथ आ सकते हैं. पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, केरल और कर्नाटक से किसान आयेंगे. खुफिया रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि अब तक इस आंदोलन को लेकर किसान संगठन 100 से ज्यादा मीटिंग कर चुके हैं.

    असमाजिक तत्व इस आंदोलन में शामिल होकर कानून व्यवस्था खराब कर सकते हैं. कारों, बाइक, मेट्रो, रेल या बस से किसान आ सकते हैं. कुछ किसान गुपचुप तरीके से पहले आकर पीएम, गृहमंत्री, कृषि मंत्री और बीजेपी के बड़े नेताओं के घर के बाहर इकठ्ठा हो सकते हैं और हिंसा फैला सकते हैं. रिपोर्ट में सोशल मीडिया पर भी निगरानी रखने को लेकर बात कही गई है. दिल्ली के सभी बॉर्डर पर और दिल्ली के अंदर कड़ी सुरक्षा की जरूरत बताई गई है.

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