नई दिल्ली (New Delhi) । आमतौर पर हर भारतीय घर में सफेद चावल (white rice) खाया जाता है. यह खाने में स्वादिष्ट और आसानी से पकने वाला होता है. लेकिन क्या आपको पता है कि सफेद चावल की जगह ब्लैक (Black), ब्राउन (Brown) और रेड राइस (Red Rice) भी मौजूद हैं जिसके अलग फायदे हैं. सफेद चावल एक सिंपल कार्बोहाइड्रेट (carbohydrate) होता है जिसका अर्थ है कि आपका शरीर इसे अधिक आसानी से तोड़ सकता है और पोषक तत्वों और कार्बोहाइड्रेट को अधिक तेजी से अवशोषित कर सकता है क्योंकि इसमें चोकर की कमी होती है. जबकि ब्राउन राइस, ब्लैक राइस और रेड राइस सफेद चावल की तुलना में ज्यादा हेल्दी माने जाते हैं.
सफेद चावल के फायदे
सफेद चावल ऊर्जा प्रदान करता है. आपका शरीर इसे अधिक आसानी से तोड़ सकता है और पोषक तत्वों और कार्बोहाइड्रेट को अधिक तेज़ी से अवशोषित कर सकता है क्योंकि इसमें चोकर कम होता है. साथ ही इसमें फाइबर और वसा की मात्रा भी होती है. इस वजह से सफेद चावल उन लोगों के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प है, जिन्हें तुरंत ऊर्जा स्रोत की आवश्यकता होती है, जैसे एथलीट या लंबे समय तक व्यायाम करने वाला कोई भी व्यक्ति.
ब्राउन राइस
एक कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट जो फाइबर, प्रोटीन और वसा से भरपूर होता है. इसे पचाना कुछ लोगों के लिए अधिक कठिन हो सकता है यदि उन्हें विशिष्ट पाचन समस्याएं हैं. पचाने में आसान सफेद चावल जलन को कम करने का एक शानदार तरीका है,लेकिन ब्राउन राइस थोड़ा धीमे काम करता है. अगर आप गंभीर दस्त जैसे लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं, तो भी सफेद चावल मददगार हो सकता है, भले ही आपको पाचन संबंधी कोई ज्ञात समस्या न हो.
रेड राइस
सफेद चावल की तुलना में रेड राइस उतना कॉमन नहीं है. यह आमतौर पर महंगा होता है. इसके अतिरिक्त आमतौर पर स्थानीय दुकानों पर सफेद चावल ही उपलब्ध होता है. रेड राइस के विकल्प सीमित होते हैं. सफेद चावल आपके स्वास्थ्य के लिए पूरी तरह से खराब नहीं हो सकता है. अगर आप इसे सीमित मात्रा में खाते हैं लेकिन रेड राइस हर स्थिति में आपको फायदे पहुंचाता है. पौष्टिक भोजन बनाने के लिए आप इस बाकी अनाज को अन्य पौष्टिक घटकों के साथ मिला सकते हैं. एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर रेड राइस में कई अहम एंटीऑक्सिडेंट्स मौजूद होते हैं जैसे सेलेनियम, विटामिन सी, और बीटा-कैरोटीन होते हैं.
ब्लैक राइस
ब्लैक राइस काफी हेल्दी माना जाता है. इसमें मौजूद एंथोसायनिन आंखों के लिए अच्छा होता है. नियमित तौर पर इसका सेवन करने से मोतियाबिंद और डायबिटिक रेटिनोपैथी जैसे जोखिमों को भी कम करने में मदद मिलती है. ब्लैक राइस में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट गुण दिल को हेल्दी बनाए रखने में मदद करते हैं और डायबिटीज जैसी रोगों में भी शुगर को कंट्रोल रखते हैं.
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