इंदौर। बाल भिक्षुकों को पकडऩे की मुहिम रफ्तार नहीं पकड़ पा रही है। चौराहों से बाल भिक्षुकों के अंडरग्राउंड हो जाने के चलते टीमें दो दिन से खाली हाथ लौट रही हैं। चाणक्यपुरी, लवकुश चौराहा, बाणगंगा, भंवरकुआं, विजयनगर, नंदानगर में चलाई गई मुहिम सफल नहीं हो पाई। दो दिन में एक भी बच्चा टीम के हत्थे नहीं चढ़ा। कलेक्टर आशीषसिंह के निर्देश पर इंदौर की गलियों में भिक्षावृत्ति में लिप्त साढ़े तीन हजार बच्चों को पकडऩे की मुहिम तो तेज हो गई है, लेकिन मुहिम की भनक लगने के चलते भिक्षुक ही सडक़ों से गायब हो गए हैं। दो दिन से लगातार चौराहे-चौराहे भटक रही टीम को अब तक कोई सफलता हासिल नहीं हुई है।
महिला एवं बाल विकास विभाग, श्रम विभाग, बाल कल्याण समिति के साथ-साथ एनजीओ के कर्मचारी भी व्यस्ततम चौराहों, मंदिरों के बाहर डेरा जमाए हैं, लेकिन टीम को देखते ही भिक्षुकों के गायब होने की पुरानी प्रथा ही नजर आ रही है। महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों के अनुसार कल एक महिला को बच्चे को गोद में लेकर भीख मांगते हुए भंवरकुआं चौराहे पर पाया गया था, जिसे शेल्टर होम भेजा गया है, लेकिन अब तक कोई भी बच्चा सडक़ पर भिक्षावृत्ति करते नहीं पाया गया। आज भंवरकुआं चौराहा, टावर चौराहा, अन्नपूर्णा मंदिर, विजयनगर, रणजीत हनुमान मंदिर पर एक बार फिर मुहिम चलाई जाएगी। ज्ञात हो कि कलेक्टर के निर्देश हैं कि सुबह और शाम सडक़ों पर टीमें नजर रखेंगी। हालांकि सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार टीमें सिर्फ सुबह ही नजर रख रही हैं। आज से दोनों टाइम के निर्देश फॉलो करेंगे।
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