नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी पर गवर्नर शक्तिकांत दास का फोकस महंगाई पर रहा. केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर स्थिर रखा. आरबीआई की ओर से ब्याज दरों में कोई बदलाव न करने से आम लोगों की ईएमआई कम होने की संभावना खत्म हो गई. लेकिन आरबीआई ने डिजिटल करेंसी पर बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि अब इसका इस्तेमाल ऑफलाइन भी किया जा सकेगा.
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि जल्द ही सीमित इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले क्षेत्रों भी ई-रुपये के जरिये लेनदेन किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि ऑफलाइन क्षमता को केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) पायलट प्रोजेक्ट पर पेश किया जाएगा.
पायलट प्रोजेक्ट का हिस्सा
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि प्रोग्रामेबिलिटी-आधारित अतिरिक्त उपयोग के मामलों को पायलट प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में पेश किया जाएगा. बता दें कि दिसंबर 2022 में खुदरा सीबीडीसी का एक पायलट लॉन्च किया था. इस प्रोजेक्ट ने दिसंबर 2023 में एक दिन में 10 लाख लेनदेन करने का लक्ष्य हासिल किया. बता दें कि यूनिफ़ाइड पेमेंट इंटरफ़ेस (UPI) के अलावा कई ऑनलाइन पेमेंट प्लेटफॉर्म से ऑफलाइन पेमेंट किया जा सकता है.
अभी यहां होता है इस्तेमाल
वर्तमान में सिस्टम पायलट के जरिये बैंकों द्वारा दिये गए डिजिटल रुपया वॉलेट का इस्तेमाल करके व्यक्ति से व्यक्ति (पी2पी) और व्यक्ति से व्यापारी (पी2एम) लेनदेन किया जा सकता है. ऑफलाइन पेमेंट हो जाने के बाद ई-रुपये के उपयोग में वृद्धि देखने को मिलेगी. कई और सर्विस के लिए भी सीबीडीसी का इस्तेमाल किया जा सकता है.
एईपीएस सर्विस को बढ़ाया जाएगा
शक्तिकांत दास ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली की सुरक्षा सुविधाओं को बढ़ाने की घोषणा की. इसका उपयोग 2023 में 37 करोड़ लोगों द्वारा किया गया था. जल्द ही एईपीएस को लेकर निर्देश जारी होंगे. डिजिटल पेमेंट को सुरक्षित बनाने के लिए भी आरबीईआई द्वारा कई कदम उठाए जाएंगे.
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