• img-fluid

    दक्षिण में भाजपा के विराधी दलों की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही, राम के नाम पर बन रहा माहौल

  • February 08, 2024

    नई दिल्‍ली (New Dehli)। केंद्र सरकार (Central government)को मिलने वाले कर के राज्यों के साथ बंटवारे (sharing)के मुद्दे पर गरमाई दक्षिण की कर राजनीति (Politics)कर से ्चुधिक नावी रणनीति (strategy)से जुड़ी हुई है। हाल ही में राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह दक्षिण भारत के मंदिरों में जाकर भाजपा के लिए जो माहौल बनाया है, उससे दक्षिण में भाजपा के विरोधी दल परेशान हैं। यही वजह है कि कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के भाई ने संसद में कर के पैसे के बंटवारे के मुद्दे पर दक्षिण के बंटवारे की मांग कर दी। अब केरल के मुख्यमंत्री भी पैसे के बंटवारे की मांग को लेकर दिल्ली में प्रदर्शन करने की तैयारी में हैं।


    बुधवार को दिल्ली में कर्नाटक की राजनीति गरमाई रही। कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के तमाम दिग्गज मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उपमुख्यमंत्री डीके शिव कुमार के नेतृत्व में तमाम नेताओं ने दिल्ली में धरना देकर केंद्रीय राजस्व में राज्य के मिलने वाले हिस्से का मुद्दा उठाया। वहीं, भाजपा ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, सांसद तेजस्वी सूर्या समेत राज्य के कई प्रमुख नेताओं को जवाबी तौर पर मैदान में उतार कर कांग्रेस के आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया। सबसे महत्वपूर्ण तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा के जवाब में रहा, जहां उन्होंने खुलकर कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए देश के बंटवारे जैसी बातें करने को लेकर तीखे हमले किए।

    प्रधानमंत्री ने दो टूक कहा कि राजनीतिक स्वार्थ के चलते देश को तोड़ने के लिए नए नैरेटिव गढ़े जा रहे हैं। इस राजनीति में जितना केंद्र और राज्यों में टैक्स से मिलने वाले धन के बंटवारे का मुद्दा है, उससे कहीं ज्यादा लोकसभा चुनाव की रणनीति है।

    इन मुद्दों से दक्षिण और उत्तर को जोड़ने की बड़ी कोशिश

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा, काशी तमिल संगम जैसे कई मुद्दों पर दक्षिण और उत्तर को जोड़ने की बड़ी कोशिश की है। राम मंदिर के दर्शन के लिए दक्षिण से बड़ी संख्या में लोग लगातार आ रहे हैं। ऐसे में दक्षिण के क्षेत्रीय दलों को भाजपा से खतरा महसूस हो रहा है कि कहीं भाजपा उनके घर में सेंध न लगा ले। यही वजह है कि कर्नाटक की तरफ से जो मुद्दा उठाया गया, वही मुद्दे इसके पहले तमिलनाडु से भी उठते रहे हैं। केरल भी अब इसी मुद्दे को लेकर दिल्ली के मैदान में आ रहा है।

    केरल की राजनीति में वामपंथी दलों की दिक्कत बड़ी है, क्योंकि केरल का अधिकांश हिंदू समुदाय वाम मोर्चा का समर्थक रहा है और उसे डर है कि कहीं अब वह उससे खिसक न जाए। ऐसे में भाजपा ने भी आक्रामक रुख अपना लिया है। प्रधानमंत्री से लेकर वित्त मंत्री समेत तमाम नेताओं ने जवाबी मोर्चा खोल दिया है।

    Share:

    ED को मिली हेमंत सोरेन की WhatsApp चैट्स, खुलेंगे कई राज, 5 दिन की कस्‍टडी में है पूर्व सीएम

    Thu Feb 8 , 2024
    नई दिल्‍ली (New Dehli)। जमीन घोटाला मामले में गिरफ्तार हुए झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री (Former Chief Minister of Jharkhand)हेमंत सोरेन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। खबर है कि अब ED यानी प्रवर्तन निदेशालय ने कथित ट्रांसफर पोस्टिंग से सोरेन (Soren due to alleged transfer posting)के तार जोड़ दिए हैं। साथ ही कहा है कि चैट्स […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    रविवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved