भोपाल (Bhopal)। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के हरदा में मंगलवार सुबह हुए ब्लास्ट मामले (Harda Factory Blast) में अवैध पटाखा फैक्ट्री (illegal firecracker factory) के मालिक राजेश अग्रवाल (owners Rajesh Aggarwal ) और सोमेश अग्रवाल (Somesh Aggarwal) समेत तीन आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार (Police arrested three accused) कर लिया है। दोनों फैक्ट्री मालिक पुलिस से बचने के लिए हरदा छोड़कर नेशनल हाईवे के जरिये भाग रहे थे, इसी बीच पुलिस ने राजगढ़ जिले के सारंगपुर के समीप हाईवे पर इन्हें पकड़ लिया। पुलिस के मुताबिक, तीसरे आरोपी का नाम रफीक खान है। बता दें कि इस मामले में हरदा के सिविल लाइन थाना में एक अपराध दर्ज किया गया है। फिलहाल तीनों आरोपी पुलिस की कस्टडी में हैं, जिनसे मामले में पूछताछ की जा रही है।
हरदा के मगरधा रोड पर बनी अवैध पटाखा फैक्ट्री में मंगलवार सुबह हुए ब्लास्ट के बाद मची तबाही के बीच फैक्ट्री मालिक राजेश अग्रवाल और सोमेश अग्रवाल मौके से फरार होकर भागने की फिराक में थे। पुलिस ने ब्लास्ट के मामले में शहर के सिविल लाइन थाना में आरोपियों पर विस्फोटक अधिनियम और आईपीसी की अलग-अलग धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
इसी दौरान पुलिस को सूचना मिली कि आरोपी उज्जैन के रास्ते से भागने की फिराक में हैं, तो वहीं मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और दिल्ली को जोड़ने वाले नेशनल हाईवे के जरिये आरोपियों की लोकेशन पुलिस को मिल रही थी। पुलिस ने तुरंत अपना मुखबिर तंत्र सक्रिय किया, जिसके बाद उज्जैन के समीप मक्सी में पुलिस टीम ने दबिश दी। लेकिन वहां से दोनों आरोपी फरार हो चुके थे, जिनका पीछा करते हुए पुलिस टीम ने राजगढ़ जिले के सारंगपुर के करीब हाईवे पर फैक्ट्री के दोनों मालिकों को धर दबोचा।
वहीं, इस मामले में हरदा जिले के एसपी मनीष कुमार अग्रवाल ने बताया कि ब्लास्ट से जुड़े मामले में आरोपियों को कस्टडी में लिया गया है, जिनमें फैक्ट्री मालिक राजेश अग्रवाल और सोमेश अग्रवाल हैं। उन्होंने बताया कि इस मामले में शहर के सिविल लाइन थाना में एक एफआईआर दर्ज की गई है। आरोपी पुलिस से बचकर भाग रहे थे, जिन्हें पुलिस टीम ने सारंगपुर से पकड़ा है, और फिलहाल इनसे पूछताछ की जा रही है।
हरदा में अवैध पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट के कारण 11 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी और कई घायल हुए हैं। हरदा ब्लास्ट की वजह 2022 से शुरू होती है। हरदा के लोगों ने इस फैक्ट्री में बारूद के अवैध भंडारण और सेफ्टी के मानक पूरा न होने को लेकर जिला प्रशासन से शिकायत की थी। जनता के बढ़ते दबाव की वजह से जिला प्रशासन ने इस फैक्ट्री को 26 सितंबर 2022 में सील कर दिया। ऋषि गर्ग कलेक्टर थे। फैक्ट्री के मालिक राजेश अग्रवाल ने इस आदेश के विरोध में कमिश्नर माल सिंह बहेड़िया से अपील की। इसके बाद उसे स्टे मिल गया।
तीन सदस्यीय जांच समिति गठित
घटना के तुरंत बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने संज्ञान लिया और तीन सदस्यीय जांच समिति के गठन के आदेश जारी किए। मध्यप्रदेश सरकार ने तीन सदस्य जांच कमेटी का गठन किया है। गृह वाक्य प्रमुख सचिव संजय दुबे की अध्यक्षता में समिति हादसे की जांच करेगी। जयदीप प्रसाद आईपीएस और लोक निर्माण विभाग के अधिकारी आरके मेहरा को सदस्य बनाया गया है।
तत्कालीन एसपी ने लिखा था फैक्ट्री बंद करने को पत्र
पटाखे की अवैध फैक्ट्री के मालिक राजेश ने पुरानी सब्जी मंडी के आने घर से भी पटाखों का भंडारण कर वहीं से बेचना भी शुरू कर दिया, जिसके कुछ दिनों बाद शहर के हंडिया रोड पर एक और पटाखा फैक्ट्री शुरू कर दी। इस फैक्ट्री को लेकर आम लोगों की शिकायतें होम पर तत्कालीन एसपी ने इस फैक्ट्री को बंद करने के लिए एक पत्र भी लिखा। लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। अगर समय रहते प्रशासन कुछ एक्शन लेता तो शायद इतनी बड़ी यह दुर्घटना नहीं होती। हालांकि, स्थानीय प्रशासनिक अफसरों ने खतरे को भांपते हुए कई बार इस फैक्ट्री को बंद कराने की कोशिश तो की, लेकिन किसी न किसी वजह से उनकी यह कार्रवाई टल जाती।
एक महीने पहले हुई थी जांच
जिला प्रशासन हरदा के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, करीब एक महीने पूर्व ही फैक्टी की जांच हुई थी, जिसमें अधिकारियों को फैक्ट्री का संचालन ठीक मिला था, जिस वजह से उसे संचालित रहने दिया गया था। लेकिन उसके बाद से मालिक राजेश अग्रवाल ने बारुद का ओवर स्टॉक कर लिया होगा और हादसा होने की यही वजह रही होगी।
तीन साल पहले किया था सील
हरदा के मगरधा रोड पर स्थित जिस पटाखा फैक्टरी में मंगलवार को ब्लास्ट हुआ, वहां की कई बार शिकायतें भी हुई थीं तो वहीं तीन साल पहले भी यहां एक हादसा हुआ था। तब हादसे में एक ही परिवार की तीन महिलाओं की मौत हुई थी, जिस पर इस फैक्ट्री के मालिक राजेश अग्रवाल को जेल भी जाना पड़ा था। उसके बाद ही तत्कालीन एसपी ने फैक्ट्री के लाइसेंस को अवैध घोषित कर निरस्त करने का प्रस्ताव जिला प्रशासन को भेजा था। उस समय जिला कलेक्टर ने इसे अनफिट भी घोषित करते हुए सील किया था। लेकिन बाद में नर्मदापुरम के संभागायुक्त ने इसे वापस बहाल कर दिया।
एसडीएम को बनाया गया था प्रस्तुतकर्ता अधिकारी
इधर, हरदा एसडीएम केसी परते ने बताया कि पटाखा फैक्ट्री फिट नहीं थी, तभी तो यह हादसा हुआ है। कुछ समय पहले हरदा प्रशासन ने पटाखा फैक्ट्री काे अनफिट घोषित कर दिया था। बाद में संभागायुक्त नर्मदापुरम ने इसे बहाल कर दिया था। फैक्ट्री करीब डेढ़ एकड़ में फैली है। यहां 300 से ज्यादा लोग काम करते हैं। फैक्ट्री में काम करने वाले करीब 40 परिवार अस्थाई निर्माण कर यहीं पर रह रहे थे। वहीं, तहसीलदार हरदा लवीना घागरे का कहना है कि उनके पहले पदस्थ रहे अफसरों द्वारा फैक्ट्री सील किए जाने के बाद राजेश, सोमेश और प्रदीप हाईकोर्ट गए थे। इसके बाद एसडीएम को इस मामले में प्रस्तुतकर्ता अधिकारी बनाया गया था।
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