भोपाल। डाक्टर मोहन यादव (Dr. Mohan Yadav) की सरकार बने डेढ़ माह से अधिक समय हो गया है। कैबिनेट की अभी तक पांच बैठकें भी हो चुकी हैं, लेकिन मंत्रियों का मंत्रालय में बैठने के दिन अभी तक तय नहीं हुए हैं, जिसके कारण वे न तो क्षेत्र में समय दे पा रहे हैं और न ही मंत्रालय में बैठकर विभाग की गतिविधियों को समझ सके हैं। आलम यह है कि अधिकांश मंत्रियों के यहां ओएसडी और विशेष सहायक तक नियुक्त नहीं हुए हैं। मप में कऱीब अठारह साल तक सरकार चलाने वाले शिवराज सिंह ने हर बार मुख्यमंत्री बनते ही पहली कैबिनेट बैठक में ही मंत्रियों को मंत्रालय में बैठने के दिन तय कर दिए थे।
पूर्व मुख्यमंत्री ने सोमवार और मंगलवार को क्षेत्र के लोगों से मिलने के साथ ही विधायकों की समस्याएं सुनने के लिए गाइडलाइन तय कर रखी थी, जबकि रविवार का दिन मंत्रियों को परिवार के बीच रहने और अन्य दो दिन जिले में विकास कार्यों सहित कार्यकर्ताओं को समय देने एक दिन रात्रि विश्राम के निर्देश दे रखे थे, लेकिन नई सरकार में डाक्टर मोहन यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद डेढ़ माह बाद भी मंत्रियों के लिए कोई गाइडलाइन तय नहीं की गई है, जिसके कारण संबंधित विभाग की समस्या से परेशान लोग सीधे अपनी समस्या नहीं रख पा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि सीनियर मंत्री तो अपने हिसाब से काम में जुट गए हैं, लेकिन नए मंत्रियों को अभी भी काम करने को लेकर परेशान होना पड़ रहा है । भाजपा ने ऐसे नए मंत्रियों के लिए दो दिन का प्रशिक्षण आयोजित किया है फिर भी मुख्यमंत्री की तरफ से कोई लाइन तय नहीं होने से अफसर भी नए मंत्रियों को तवज्जो नहीं दे रहे हैं, जिसके चलते प्रशासनिक क्षेत्र में असमंजस की स्थिति बनीं हुईं हैं ।
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