नई दिल्ली (New Dehli)। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी (congress party)को महाराष्ट्र में बड़ा झटका (big blow)लग सकता है। मिलिंद देवड़ा (milind deora)ने हाल ही में कांग्रेस (Congress)का साथ छोड़ दिया था। इसके बाद मुंबई में पार्टी के पास कोई कद्दावर नेतृत्व नहीं है। पार्टी के भीतर और बाहर दोनों ही जगहों पर इस बात की चर्चा है कि पूर्व मंत्री और बांद्रा विधायक बाबा सिद्दीकी 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अजीत पवार गुट में शामिल हो सकते हैं।
मुंबई कांग्रेस से दो प्रमुख मुस्लिम नेताओं की संभावना
भाजपा के मौन समर्थन के साथ अजित पवार गुट मुंबई कांग्रेस से दो अन्य प्रमुख मुस्लिम नेताओं के साथ-साथ 15 विधायकों को भी शामिल करने पर विचार कर रहा है। उनमें मुंबादेवी विधायक अमीन पटेल और मलाड पश्चिम से विधायक असलम शेख भी शामिल हैं।
बाबा सिद्दिकी के बेटे जीशान वर्तमान में बांद्रा पूर्व से विधायक हैं। उनके भी इस साल के अंत में होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले अजीत पवार गुट में शामिल होने की संभावना है। हालांकि उन्होंने ऑन-रिकॉर्ड इस तरह की अटकलों से इनकार किया है। लेकिन उन्होंने इतना जरूर कहा है कि अजित पवार उनके लिए परिवार के सदस्य की तरहा हैं। उन्होंने कठिन समय में उनका साथ दिया है।
दोनों विधायक भ्रष्टाचार के मामलें में फंसे है
मुंबई में कांग्रेस के 4 विधायक हैं। उनमें से दो जीशान सिद्दीकी और असलम शेख हैं। दोनों ही प्रवर्तन निदेशालय द्वारा अलग-अलग भ्रष्टाचार के मामलों की जांच का सामना कर रहे हैं। अमीन पटेल मिलिंद देवड़ा के करीबी सहयोगी हैं। यदि तीनों ने इस्तीफा दिया तो कांग्रेस के पास पास मुंबई में केवल एक विधायक वर्षा गायकवाड़ बचेंगी, जो कि धारावी से विधायक हैं।
कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष ने भी पाला बदलने के लिए संपर्क किया
कांग्रेस के सूत्रों ने यह दावा किया है महाराष्ट्र कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष आरिफ नसीम खान से भी पाला बदलने के लिए संपर्क किया गया था, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया है। आपको बता दें कि नसीम खान 2019 का विधानसभा चुनाव चांदीवली से बहुत कम अंतर से हार गए थे।
एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, “बाबा सिद्दीकी और असलम शेख निश्चित रूप से सत्तारूढ़ दलों के संपर्क में हैं। भाजपा का प्रयास उन्हें 27 फरवरी को होने वाले राज्यसभा चुनाव और 20 मार्च को मुंबई में राहुल गांधी न्याय यात्रा के समापन से पहले पाला बदलने के लिए प्रेरित करना है।
एक अन्य नेता ने हालांकि यह दावा किया है कि कांग्रेस के कम से कम 15 विधायक पार्टी छोड़ने के लिए तैयार बैठे हैं। अगले एक महीने में बहुत सारी सियासी घटनाएं देखने को मिलेंगी।
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि मिलिंद देवड़ा के करीबी सहयोगी अमीन पटेल ने देवड़ा के साथ नहीं जाने का फैसला किया क्योंकि वह शिंदे की पार्टी में शामिल नहीं होना चाहते थे।
मुंबई में कांग्रेस को कमजोर करने का प्रयास
एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि इन मुस्लिम नेताओं को अजित पवार गुट में शामिल करवाकर मुंबई में कांग्रेस को कमजोर करने का प्रयास किया गया। कांग्रेस नेता ने कहा, ”मुस्लिम नेताओं के लिए बीजेपी या शिंदे गुट में शामिल होने की तुलना में अजित पवार गुट में शामिल होना अधिक सुविधाजनक होगा क्योंकि अजित पवार ने जानबूझकर अपनी धर्मनिरपेक्ष छवि को बरकरार रखने की कोशिश की है।” उदाहरण के लिए उन्होंने आरएसएस के संस्थापक डॉ. केबी हेडगेवार को उनकी समाधि पर श्रद्धांजलि देने के लिए नागपुर के रेशिमबाग जाने से इनकार कर दिया था।
असलम शेख ने इस पूरे प्रकरण पर जवाब देने से इनकार कर दिया। वहीं, जीशान सिद्दीकी ने अपनी ओर से कहा कि वह अपने पिता की योजना के बारे में नहीं बोल सकते है। हालांकि, उन्होंने कहा कि अजीत पवार ने उन्हें एक बेटे की तरह माना।
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