नई दिल्ली (New Delhi)। पहले सामाजिक न्याय के पुरोधा (Pioneer of social justice) व जननायक कर्पूरी ठाकुर (Public leader Karpoori Thakur) और अब हिंदुत्व की राजनीति के झंडाबरदार (flag bearer of Hindutva politics.) लालकृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani) को सर्वोच्च सम्मान देने की घोषणा। इनके जरिये लोकसभा चुनाव की पिच पर पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और भाजपा (BJP) ने सामाजिक न्याय के साथ हिंदुत्व की राजनीति को साधने की नई गुगली फेंकी है।
चुनाव में चार सौ पार का लक्ष्य हासिल करने के लिए भाजपा ने विपक्ष के सामाजिक न्याय के मुकाबले चार नए वर्गों- महिला, युवा, किसान और गरीब- का नया समीकरण गढ़ लिया है। दरअसल, मोदी सरकार की योजना विपक्ष को एकजुट होने से रोकने के साथ मुद्दाविहीन बनाने की भी है। विपक्ष ने सरकार को घेरने के लिए दशकों से चली आ रही जाति आधारित सामाजिक न्याय की पहल अपनाई थी।
कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने सरकार पर केंद्रीय स्तर पर जाति गणना कराने का दबाव डालना शुरू किया था। बिहार में जाति गणना और आरक्षण का दायरा बढ़ाने का सियासी दांव चला गया, लेकिन उसके अगुआ नीतीश कुमार अब राजग के साथ हैं।
सामाजिक न्याय के मुद्दे को पीछे धकेलने और इसमें भी अपना वर्चस्व बनाने के लिए मोदी सरकार ने कुछ दिन पहले ही दिवंगत कर्पूरी ठाकुर को सर्वोच्च सम्मान देने की घोषणा की। परिणाम यह हुआ कि बिहार के विपक्षी महागठबंधन में फूट पड़ गई। इस सफल सियासी दांव के बाद आडवाणी को सर्वोच्च सम्मान देने का फैसला हिंदुत्व की राजनीति को भी साधे रहने की रणनीति है।
करोड़ों देशवासियों का सम्मान: शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न करोड़ों देशवासियों का सम्मान है। वह आजीवन निःस्वार्थ भाव से देश सेवा में समर्पित रहे। सुरक्षा, एकता व अखंडता के लिए अभूतपूर्व कार्य किए। उन्हें भारतीय राजनीति में प्रामाणिकता के मानक तय करने वाले राजनेता के रूप में जाना जाता है। लंबे सार्वजनिक जीवन में देश, संस्कृति व जनता से जुड़े मुद्दों के लिए अथक संघर्ष किया। पार्टी व विचारधारा के प्रति उनके विराट योगदान को शब्दों में समाहित नहीं कर सकते।
शुचिता व समर्पण के प्रतीक
रक्षा मंत्री ने कहा कि राजनीति में शुचिता, समर्पण व दृढ़ संकल्प के प्रतीक हैं आडवाणी। अनेक भूमिकाओं में देश के विकास व राष्ट्र निर्माण में अविस्मरणीय योगदान दिया। भारत की एकता व अखंडता अक्षुण्ण रखने में महती भूमिका रही है।
राष्ट्रीयता के भाव से भरे
आडवाणी ने बाल्यकाल से ही देशभक्ति से खुद को जोड़ते हुए देश को मजबूत किया। राष्ट्रीयता की भावना से भारतीय जनसंघ और बाद में भाजपा में काम किया।
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