भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh News) में सड़कों पर गड्ढों की मॉनिटरिंग (Monitoring of potholes on roads) अब ‘पॉटहोल रिपोर्टिंग सिटीजन मोबाइल ऐप’ (Potholes Reporting Citizen App) के माध्यम से की जाएगी. इस ऐप के माध्यम से आम नागरिक अपने मोबाईल से गड्ढों की जियोटेग्ड फोटो (Geotagged photo of potholes) खींच कर विभाग को जानकारी दे सकेंगे. इससे गड्ढों की समय से पहचान करने और तुरंत सुधार में मदद मिलेगी.
मध्य प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने भोपाल में विभागीय अधिकारियों के साथ इस मोबाइल ऐप को लेकर चर्चा की. इस दौरान राकेश सिंह ने कहा कि पॉटहोल रिपोर्टिंग सिटीजन मोबाइल ऐप के माध्यम से आम नागरिक अपने मोबाईल से गड्ढों की जियोटेग्ड फोटो खींच कर विभाग को सूचित कर सकेंगे. वहीं गड्ढों का फोटो जीपीएस लोकेशन के साथ संबंधित एग्जिक्यूटिव इंजीनियर (Executive Engineer) को प्राप्त होगा.
इसके बाद समय-सीमा में सड़क सुधार कर संबंधित एग्जिक्यूटिव इंजीनियर इसका फोटो फिर से मोबाईल ऐप से लेंगे. इस प्रकार सड़क का काम होगा और इसकी सूचना संबंधित नागरिक को भी मिलेगी. राकेश सिंह ने कहा कि राज्य स्तर से शिकायतों की निगरानी और निराकरण सुनिश्चित किया जायेगा. मंत्री ने इस ऐप को जल्द तैयार कर उपयोग में लाने का निर्देश भी दिया. लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने निर्देश दिए हैं कि विभागीय कामों में नई तकनीकी का अधिक से अधिक प्रयोग किया जाए.
बताया गया कि विभाग द्वारा नई तकनीक एफडीआर (फुल डेप्थ रिक्लेमिनेशन) तकनीकी से सड़क निर्माण कराए जाने की योजना है. इसके अंतर्गत मौजूदा रोड को बिना हटाए उसके ऊपर ही कई मशीनों के द्वारा रिक्लेमिनेशन सामग्री का उपयोग कर रोड निर्माण किया जाता है. इसमें समय की बचत के साथ-साथ निर्माण लागत में 15 से 30% तक कमी आती है. बैठक में मंत्री ने एफडीआर तकनीक का उपयोग शहरी मार्गों पर करने को लेकर विचार करने की बात भी कही.
उन्होंने कहा कि प्रायोगिक तौर पर माइक्रोसर्फेसिंग और व्हाइट टॉपिंग के लिए जबलपुर और भोपाल में कुछ रास्तों का चयन किया जा सकता है. नई तकनीकों से किए जा रहे कामों के मूल्यांकन के लिए एक दल का गठन किया जा रहा है. मंत्री राकेश सिंह ने निर्देश दिए कि दो साल से अधिक देरी वाले प्रोजेक्ट की समीक्षा हर 15 दिन में की जाए. इसी के साथ नई सड़कों का चयन कर टेंडर का काम शुरू करें.
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