नई दिल्ली (New Dehli)। उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) के बाद महाराष्ट्र लोकसभा (Maharashtra Lok Sabha)में सबसे ज्यादा सांसदों को भेजता है। ऐसे में महाराष्ट्र (Maharashtra)की सियासत केंद्र की सत्ता (power of political center)के लिए अहम हो जाती है। यही कारण है कि लोकसभा चुनाव से पहले सियासी पार्टियां अपने-अपने समीकरणों को बैठाने में लगी हैं। बीआर अंबेडकर के पोते प्रकाश अंबेडकर की वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) के पास महाराष्ट्र में अच्छी पकड़ है। इस बार शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे उन्हें अपने खेमे में लाने के लिए उत्सुक नजर आए। शिवसेना (यूबीटी) के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) में अंबेडकर की एंट्री तो हो गई मगर उन्होंने इंडिया गठबंधन में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया।
शुक्रवार को मुंबई में हुई एमवीए की बैठक में प्रकाश अंबेडकर शामिल हुए, इस दौरान लोकसभा चुनावों सीट शेयरिंग पर चर्चा की गई। पहली बैठक के बाद प्रकाश अंबेडकर ने शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत और महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले के सामने इंडिया गठबंधन के अस्तित्व पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि वह महाराष्ट्र में एमवीए को लेकर आशावादी हैं लेकिन इंडिया अलायंस का हिस्सा नहीं हैं क्योंकि उनकी अभी तक कांग्रेस के साथ कोई बातचीत नहीं हुई है।
अंबेडकर ने कहा, “मेरे मुताबिक, इंडिया गठबंधन अब अस्तित्व में नहीं है। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (उत्तर प्रदेश में) सीट बंटवारे पर असहमति को लेकर अपने अलग रास्ते पर जा रही हैं। यहां (एमवीए में) ऐसा नहीं होना चाहिए। (बिहार के मुख्यमंत्री) नीतीश कुमार और (पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री) ममता बनर्जी अलग-अलग चले गए हैं।”
उन्होंने कहा कि सीट बंटवारे पर बाद में चर्चा की जाएगी और पहले न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) पर सहमति का प्रस्ताव रखा जाएगा। संजय राउत ने कहा कि प्रकाश अंबेडकर द्वारा उठाई गई मांगों पर चर्चा की जाएगी और विचार किया जाएगा। नाना पटोले ने यह भी कहा कि एजेंडे का मसौदा तैयार करने के लिए एक समिति बनाई जाएगी, जिसमें एमवीए में अन्य छोटे दलों के इनपुट भी शामिल होंगे। अंतिम मसौदा आठ दिन बाद अगली बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा।
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