नई दिल्ली (New Dehli)। पिछले महीने 22 जनवरी को उत्तर प्रदेश के अयोध्या (Ayodhya of Uttar Pradesh)में राम लला की भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह (grand consecration ceremony)की BBC कवरेज की ब्रिटिश सांसद (British MP)ने आलोचना की है और उसे पक्षपाती, भेदभावपूर्ण और भड़काऊ करार दिया है। कंजर्वेटिव सांसद बॉब ब्लैकमैन ने गुरुवार को हाउस ऑफ कॉमन्स में इस मुद्दे को उठाया है और ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन की निष्पक्षता पर बहस की मांग की है।
कंजर्वेटिव सांसद बॉब ब्लैकमैन ने संसद के पटल पर कहा, “पिछले हफ्ते भारत में उत्तर प्रदेश में भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा हुई। इससे दुनिया भर के हिंदुओं को बहुत खुशी हुई है लेकिन दुःख की बात है कि बीबीसी ने इसे एक मस्जिद के विनाश स्थल पर बना हुआ बताया है और यह भूल गया कि 2,000 वर्षों से भी अधिक समय से पहले तक वहां एक मंदिर था और मुसलमानों को मस्जिद बनाने के लिए शहर के निकट पांच एकड़ जगह आवंटित की गई है।
कंजर्वेटिव सांसद ने बीबीसी की निष्पक्षता और दुनिया भर में क्या चल रहा है इसका एक सभ्य रिकॉर्ड प्रदान करने में उसकी विफलता पर सदन में बहस का आह्वान किया। इस पर हाउस ऑफ कॉमन्स के नेता पेनी मोर्डौंट ने जवाब दिया कि हाल ही में बीबीसी की समीक्षा में बहुत महत्वपूर्ण “मुद्दे” उठाए गए हैं।
बता दें कि बीबीसी ने राम लला की प्राण प्रतिष्ठा पर एक आलेख प्रकाशित किया था, जिसमें कहा गया था कि जहां मस्जिद ढहाई गई थी, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदिर का उद्घाटन किया। इस पर बीबीसी को इतनी शिकायतें मिलीं कि उसे एक प्रतिक्रिया प्रकाशित करनी पड़ी, जिसमें कहा गया था, “कुछ पाठकों ने महसूस किया कि लेख हिंदुओं के खिलाफ पक्षपाती है और इसमें भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल किया गया है। उन्होंने हमारे द्वारा शीर्षक में यह रिपोर्ट करने पर भी आपत्ति जताई कि मंदिर 16वीं शताब्दी की मस्जिद की जगह पर बनाया गया था, जिसके बारे में हमने बताया कि इसे 1992 में हिंदू भीड़ ने ध्वस्त कर दिया था। हमारा मानना है कि जो कुछ हुआ उसका निष्पक्ष और सटीक विवरण होना चाहिए। हम इस बात से सहमत नहीं हैं कि यह लेख हिंदुओं का अपमान कर रहा है।
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