रांची । चंपई सोरेन (Champai Soren) ने झारखंड(Jharkhand) के 12वें मुख्यमंत्री के रुप में (As 12th Chief Minister) शपथ ली (Sworn in) । चंपई सोरेन ने शुक्रवार को 12 बजकर 23 मिनट पर झारखंड के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली । उनके साथ दो मंत्रियों कांग्रेस के आलमगीर आलम और राजद के सत्यानंद भोक्ता ने भी शपथ ली । राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने राजभवन में आयोजित एक सादे समारोह में सीएम और दो मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
राज्यपाल ने नए मुख्यमंत्री को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए दस दिनों का समय दिया है। आलमगीर आलम झारखंड विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता हैं, सत्यानंद भोक्ता राजद के इकलौते विधायक हैं। दोनों इसके पहले की हेमंत सोरेन सरकार में भी मंत्री थे। चंपई सोरेन झारखंड के 12वें सीएम हैं। हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद करीब 30 घंटे तक चले हाई वोल्टेज पॉलिटिकल ड्रामे के बाद गुरुवार की रात करीब साढ़े ग्यारह बजे राजभवन बुलाकर राज्यपाल ने उन्हें सीएम के रूप में नियुक्त करने की सूचना दी और मनोनयन पत्र सौंपा। हेमंत सोरेन ने ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद बुधवार की रात करीब साढ़े आठ बजे सीएम पद से इस्तीफा दिया था। इसके तुरंत बाद चंपई सोरेन ने 43 विधायकों के हस्ताक्षर वाला पत्र राज्यपाल को सौंपकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था।
उन्होंने कहा था कि हमें कुल 47 विधायकों का समर्थन हासिल है। राज्यपाल की ओर से इसपर फैसले में विलंब होने पर गुरुवार को चंपई सोरेन ने शाम साढ़े पांच बजे राज्यपाल से मुलाकात कर एक बार फिर सरकार बनाने का दावा पेश किया था और उनसे आग्रह किया कि उन्हें सीएम पद की शपथ दिलाई जाए। इसके बाद देर रात राजभवन की ओर से चंपई सोरन को बुलावा आया और उन्हें सीएम के तौर पर मनोनयन का पत्र सौंपा गया। चंपई सोरेन हेमंत सोरेन की सरकार में परिवहन मंत्री थे। 68 वर्षीय चंपई कोल्हान प्रमंडल के सरायकेला विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं। वह हेमंत सोरेन के सबसे विश्वस्त माने जाते रहे हैं। इधर, सत्तारूढ़ गठबंधन के 40 विधायक चार्टर्ड प्लेन से हैदराबाद शिफ्ट किए जा रहे हैं। ये सभी लोग विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के पहले वापस लाए जाएंगे।
झारखंड के नए मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने शपथ ग्रहण के बाद कहा कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व में गठबंधन सरकार ने यहां के आदिवासियों-मूलवासियों के लिए जो काम शुरू किया था, उसे गति देंगे। उन्होंने कहा कि विपक्ष की ओर से किए जाने वाले झूठे प्रचार और झारखंड को अस्थिर करने के प्रयास को हमारे गठबंधन ने सफल नहीं होने दिया। आगे भी उनके हर षड्यंत्र को नाकाम कर देंगे। चंपई ने कहा कि हमारी सरकार झारखंड के सभी वर्गों और समाज के हितों के लिए वैसे ही काम करेगी, जैसा हेमंत बाबू कर रहे थे। सोरेन ने आदिवासियों, दलितों, मूलवासियों के विकास और जल-जंगल-जमीन के मुद्दों को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जताई। शपथ ग्रहण के पहले चंपई सोरेन ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रमुख शिबू सोरेन और उनकी पत्नी रूपी सोरेन से उनके आवास जाकर मुलाकात की और उनका आशीर्वाद लिया।
68 वर्षीय चंपई सोरेन हेमंत सोरेन की सरकार में परिवहन मंत्री थे। वह कोल्हान प्रमंडल के सरायकेला विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं और हेमंत सोरेन के सबसे विश्वस्त माने जाते रहे हैं। चंपई झामुमो के सुप्रीमो शिबू सोरेन के अनन्य सहयोगी रहे हैं और झारखंड आंदोलन से उनका लंबा जुड़ाव रहा है। कई मौकों पर सीएम हेमंत सोरेन को इनका पैर छूते हुए भी देखा गया है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि झामुमो में इनकी अहमियत कितनी है।
चंपई सोरेन को लोग झारखंड टाइगर के नाम से भी बुलाते हैं। चंपई ने 1991 में पहली बार सरायकेला विधानसभा क्षेत्र के लिए हुए उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जीत दर्ज की थी। वो जीत इसलिए बड़ी थी क्योंकि इन्होंने कद्दावर झामुमो सांसद कृष्णा मार्डी की पत्नी को हराया था। बाद में 1995 में झामुमो के टिकट पर जीत हासिल की। लेकिन वर्ष 2000 में बीजेपी के अनंतराम टुडू से चुनाव हार गए थे। इसके बाद वर्ष 2005 से लगातार सरायकेला से विधायक रहे हैं। 2019 में इन्होंने भाजपा के गणेश महली को हराया था। चंपई सोरेन का जन्म सरायकेला के जिलिंगगोड़ा में 1956 में सेमल सोरेन और माधव सोरेन घर हुआ। अपने तीन भाइयों और एक बहन में ये सबसे बड़े हैं। शैक्षणिक योग्यता की बात करें तो ये मैट्रिक पास हैं। इनकी शादी मानको सोरेन से हुई है और इनके चार बेटे और तीन बेटियां हैं।
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