इंदौर। कलेक्टर आशीष सिंह ने राजस्व के लंबे समय से पेंडिंग पड़े मामलों को निराकृत न करने पर फटकार लगाई। अब एसडीएम से लेकर तहसीलदार तक ने काम शुरू कर दिया है। एसडीएम जहां आवेदनों की खुद छंटनी कर रहे हैं, वहीं पटवारियों को हर दिन तीन सीमांकन करने का टारगेट दिया गया है। अनिवार्य रूप से पटवारियों को तीन सीमांकन तो करना ही होंगे, वहीं नामांकन और बंटवारे के मामलों का निराकरण भी तेजी से करना होगा।
कलेक्टर के निर्देश के बाद एसडीएम लेबल के अधिकारियों ने कार्ययोजना बनाकर तेजी से काम निपटाने की पहल शुरू कर दी है। शहर के सभी क्षेत्रों के अनुभागीय अधिकारी अपने अधीनस्थों को टारगेट दे रहे हैं। राऊ एसडीएम राकेश परमार ने अपने क्षेत्र में सीमांकन के लंबित मामलों का निराकरण सबसे पहले करने की शुरुआत की है। क्षेत्र के सभी पटवारी उनके निर्देश पर अपने-अपने हल्का के आवेदन के आधार पर एक दिन में कम से कम तीन सीमांकन करेंगे।
एक दिन में 309 का निराकरण हुआ
एसडीएम बिचौली हप्सी कल्याणी पांडे ने बताया कि बिहाडिय़ा में चालू राजस्व वर्ष में विवादित नामांतरण के 372 मामले पंजीकृत हुए हैं। दिसंबर महीने तक इनमें से 309 आवेदनों का निराकरण कर लिया गया था। तहसीलदार बिचौली हप्सी के क्षेत्र में वर्तमान तक 1028 आवेदन पंजीकृत हुए। इससे पहले 981 आवेदनों का निराकरण कर दिया गया था। जनवरी माह में 54 अन्य प्रकरणों का निराकरण किया गया।
खुद कर रहे हैं छंटनी
अधिकारियों ने पटवारियों पर विश्वास न करते हुए जो मामले छह महीने से ज्यादा पेंडिंग पड़े हुए हैं, उनकी खुद ही छंटनी शुरू कर दी है। ऐसे मामले उन्हें जल्द से जल्द पूरा करने के साथ तत्काल आ रहे आवेदनों को भी निराकृत करने के निर्देश दिए गए हैं।
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