रांचीः बिहार के बाद अब झारखंड में भी राजनीतिक खेल होने के आसार शुरू हो गए हैं. हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद सत्तारुढ़ दल को विधायकों के हार्स ट्रेडिंग का डर सताने लगा है. इस बीच राजभवन से अभी तक चंपई सोरेन को सरकार बनाने के लिए राजभवन से निमंत्रण नहीं मिला है. जबकि चंपई सोरेन ने 43 विधायकों का समर्थन पत्र राजभवन को भेज दिया है. वहीं सत्तारुढ़ दल के चार विधायकों के फोन नॉट रिचेबल आ रहे हैं. राजनीतिक उलटफेर होने के डर के चलते करीब 35 विधायकों को हैदराबाद या बैंगलोर भेजने की तैयारी की जा रही है, जिसके लिए 2 चार्टर प्लेन तैयार किए गए हैं.
हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद झारखंड की राजनीतिक उलटफेर पर हर किसी की नजर बनी हुई है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता और हेमंत सोरेन के करीबी चंपई सोरेन के राजतिलक पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं. चंपई सोरेन को झामुमो ने राज्य का अगला सीएम बनाने का फैसला किया गया था. हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद चंपई ने राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया है. बता दें कि बीते बुधवार की देर रात को हेमंत सोरेन द्वारा सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद ईडी ने जमीन घोटाला मामले में गिरफ्तार कर लिया और फिर दफ्तर ले गए, जहां हेमंत सोरेन का मेडिकल कराया गया.
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार होने से पहले हेमंत सोरेन से प्रवर्तन निदेशालय ने उनके आधिकारिक आवास पर सात घंटे तक व्यापक पूछताछ की. अधिकारियों के मुताबिक, इसके बाद उन्हें मेडिकल जांच के लिए ईडी कार्यालय ले जाया गया. झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ईडी की गिरफ्तारी से सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. सूत्रों के मुताबिक, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गिरफ्तार होने से पहले एक वीडियो संदेश रिकॉर्ड किया था.
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