नई दिल्ली। बजट 2024 को लेकर विभिन्न नेताओं और राजनीतिक पार्टियों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि आज का दिन अहम है। वहीं केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि बजट प्रगतिशील और देश के विकास वाला होगा। हमेशा की तरह विपक्ष ने बजट को लेकर सरकार पर निशाना साधा। एमडीएमके सांसद वाइको ने कहा कि ‘इस बजट में वे (सरकार) भारत के लोगों को बेवकूफ बनाने की कोशिश करेंगे।’
प्रधानमंत्री बोले- बजट किसानों के लिए महत्वपूर्ण
प्रधानमंत्री मोदी ने अंतरिम बजट पर कहा, ‘आज इस बजट में किसानों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण और बड़े निर्णय लिए गए हैं। NANO DAP का उपयोग, पशुओं के लिए नई योजनाएं, PM मत्स्य संपदा योजना के विस्तार और आत्मनिर्भर ऑयल सीड अभियान से किसानों की आय बढ़ेगी और खर्च कम होगा।’ पीएम मोदी ने कहा ‘गरीबों के लिए हमने गांव और शहरों में 4 करोड़ से अधिक घर बनाए हैं अब हमने 2 करोड़ और नए घर बनाने का लक्ष्य रखा है। हमने 2 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा था, अब इस लक्ष्य को बढ़ाकर 3 करोड़ कर दिया गया है।’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘बजट में युवा भारत की युवा आकांक्षाओं का प्रतिबिंब है। बजट में दो महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। अनुसंधान और नवाचार पर 1 लाख करोड़ का फंड बनाने की घोषणा की गई है, बजट में स्टार्टअप को मिलने वाले टैक्स छूट के विस्तार का भी ऐलान किया गया है। इसमें राजकोषीय घाटे को नियंत्रण में रखते हुए पूंजीगत व्यय को 11 लाख 11 हजार 111 करोड़ रुपए की ऐतिहासिक ऊंचाई दी गई है।’
‘महिलाओं, युवाओं और किसानों के लिए काम किया है’
केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने अंतरिम बजट पर कहा, ‘यह अंतरिम बजट है… पिछले 10 सालों में हम सीढ़ी दर सीढ़ी आगे बढ़ रहे हैं चाहे वह युवा हों, या महिलाएं हों, या किसान, हर एक के लिए हमने काम किया है और वह इस बजट में परिलक्षित हो रहा है।’ केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, ‘इस बजट में ‘विकसित भारत’ के लिए स्थापित किए गए सभी चार स्तंभों- किसान, युवा, गरीब और महिलाएं शामिल थे। पीएम आवास योजना के तहत 2 करोड़ और मकान स्वीकृत करना, ‘लखपति दीदी’ स्वयं सहायता समूहों के लिए 3 करोड़ की संख्या तय करना, ऐसी कई योजनाएं बताती हैं कि एक तरफ जहां कल्याणकारी योजनाएं हैं, वहीं दूसरी तरफ बुनियादी ढांचे के विकास जैसी व्यय योजनाएं भी हैं।’
विपक्ष का आरोप- कहने और करने में जमीन का आसमान का अंतर
शिवसेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने अंतरिम बजट पर कहा, ‘कहने और करने में जमीन-आसमान का अंतर है, यही हम 10 साल से देख रहे हैं… इसमें गरीबों, महिला, युवा के लिए कुछ नहीं है। इस बजट ने आम जनता की उम्मीदों पर ठंडे मौसम में ठंडा पानी डालने का काम किया है।’
शिरोमणी अकाली दल (SAD) सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कहा, ‘मुझे इस बजट में एक अहंकार नजर आ रहा था कि ‘हम जुलाई में बजट पेश करेंगे’… आप किसी भी चुनाव को हल्के में नहीं ले सकते… आज आपके पास मौका था कि पिछले 10 सालों में किए गए वादों को पूरा करें न कि जनता को और सपने दिखाएं।’
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