नई दिल्ली (New Delhi) । लंबी तैयारी के बाद परीक्षा (exam) के समय पेपर लीक (paper leak) से परेशान होने वाले प्रतिभागियों को अब राहत मिलने वाली है. सरकार प्रतियोगी परीक्षाओं (competitive exams) में गड़बड़ी और अनियमितताओं से सख्ती से निपटने के लिए अगले सप्ताह संसद में एक नया विधेयक (new bill) पेश कर सकती है. सूत्रों ने यह जानकारी दी.
सूत्रों ने बताया कि विधेयक में इस अपराध के लिए अधिकतम 10 साल तक की जेल और 1 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान हो सकता है. पेपर लीक पर लगाम लगाने के लिए लोक परीक्षा (अनुचित साधन रोकथाम) विधेयक, 2024 सोमवार (5 फरवरी, 2024) को संसद में पेश किया जा सकता है लेकिन अभी तक अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है.
मंत्रिमंडल ने हाल में दी मंजूरी
ऐसा बताया गया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल में इस विधेयक को मंजूरी दी थी. प्रस्तावित विधेयक में विद्यार्थियों को निशाना नहीं बनाया जाएगा बल्कि इसमें संगठित अपराध, माफिया और साठगांठ में शामिल पाए गए लोगों के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है. बिल में उच्च-स्तरीय तकनीकी समिति का भी प्रस्ताव है. यह कमेटी कम्प्यूटर के जरिए परीक्षा प्रक्रिया को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए सिफारिशें करेगी. यह एक केंद्रीय कानून होगा और इसके दायरे में संयुक्त प्रवेश परीक्षाएं और केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए होने वाली परीक्षाएं भी आएंगी.
राष्ट्रपति मुर्मू ने दिए थे संकेत
वैसे इससे पहले बुधवार (31 जनवरी) को बजट सत्र की शुरुआत पर संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस विधेयक के बारे में संकेत दिया था. उन्होंने कहा था कि सरकार परीक्षाओं में होने वाली गड़बड़ी को लेकर युवाओं की चिंताओं से अवगत है. वह बोलीं थीं, ‘‘इस दिशा में सख्ती लाने के लिए नया कानून बनाने का निर्णय लिया गया है.”
इन राज्यों में लीक हुए थे पेपर
पेपर लीक का मुद्दा राष्ट्रव्यापी समस्या बनती नजर आई थी इसलिए इस तरह का पहला केंद्रीय कानून लाने की जरूरत महसूस हुई. गुजरात जैसे कुछ राज्य इस समस्या से निपटने के लिए कानून लेकर आए. पिछले साल परीक्षा पत्र लीक होने के बाद राजस्थान में शिक्षक भर्ती परीक्षा, हरियाणा में ग्रुप-डी पदों के लिए सामान्य पात्रता परीक्षा (सीईटी), गुजरात में कनिष्ठ लिपिकों के लिए भर्ती परीक्षा और बिहार में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा समेत अन्य परीक्षाएं रद्द की गयी थीं. इसे लेकर कई बार विरोध प्रदर्शन भी हुए जिसके बाद केंद्र सरकार ने इस पर रोक लगाने की पहल शुरू की है.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved