मुंबई (Mumbai)। लीवुड के सुनहरे दौर में श्रीदेवी और अमिताभ बच्चन (Sridevi and Amitabh Bachchan) ने यादगार फिल्में कीं. दोनों का अपना एक चार्म था. हर कोई अमिताभ बच्चन के साथ स्क्रीन साझा करना चाहता था, लेकिन श्रीदेवी कुछ अलग थीं. वे ऐसी फिल्म का हिस्सा बनना चाहती थीं, जो महिलाओं को केंद्र में रखे. जब अमिताभ बच्चन ने साल 1992 की फिल्म ‘खुदा गवाह’ में उन्हें लेने का मन बनाया, तो उन्हें एक्ट्रेस को मनाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी थी.
वैसे भी श्रीदेवी अपने जमाने की सबसे मशहूर अदाकारा हुआ करती थीं। अमिताभ बच्चन भी महान अभिनेताओं में से एक थे। जब हर कोई अमिताभ बच्चन के साथ काम करने को तरसता था उस वक्त श्रीदेवी इस बात पर अड़ी थीं कि वह अमिताभ बच्चन के साथ अन्य महिला बनकर काम नहीं करेंगी। वह बस वुमन सेंट्रिक फिल्मों का हिस्सा बनना चाहती थीं। इसके लिए अमिताभ बच्चन को बहुत जतन करने पड़े थे।
ये किस्सा है फिल्म ‘खुदा गवाह’ के वक्त था। सत्यार्थ नायक द्वारा लिखी गई श्रीदेवी पर किताब Sridevi: The Eternal Screen Goddess में इस बात का जिक्र है। किताब में दिवंगत कोरियोग्राफर सरोज खान ने इस बारे में बताया है। वह श्रीदेवी के साथ एक गाने पर काम कर रही थीं। उन्होंने इस बायोग्राफी के लिए बताते हुए उस आश्चर्यजनक दृश्य को याद किया जब श्रीदेवी पर अमिताभ बच्चन ने फूलों की बारिश की थी।
‘खुदा गवाह’ से पहले रमेश सिप्पी ने अपनी फिल्म ‘राम की सीता श्याम की गीता’ में भी श्रीदेवी और अमिताभ बच्चन को साइन किया था, जिसमें दोनों का डबल रोल था। चार्टबस्टर गाना “जुम्मा चुम्मा” इसी फिल्म का हिस्सा माना जाता था। फिल्म में गाने के स्थान का खुलासा करते हुए, सरोज खान ने किताब में साझा किया, “इस सीक्वेंस में अमिताभ एक पुलिसकर्मी के रूप में एक पॉकेटमार श्रीदेवी को रंगे हाथों पकड़ रहे थे। जब वह पूछती है कि वह उसे क्या रिश्वत दे सकती है, तो वह चुम्मा मांगता है।”
हालांकि, फिल्म कभी रिलीज नहीं हुई और बाद में यह गाना 1991 की फिल्म ‘हम’ में अमिताभ बच्चन और किमी काटकर पर फिल्माया गया। आखिरी बार बॉलीवुड प्रेमियों को बच्चन और श्रीदेवी को एक साथ स्क्रीन पर गौरी शिंदे की 2012 की फिल्म ‘इंग्लिश विंग्लिश’ में देखने का मौका मिला था। फिल्म में बच्चन की विशेष भूमिका थी।
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