इंदौर। भोपाल में जहां जनता की परेशानियों को देखते हुए बीआरटीएस खत्म कर दिया गया, वहीं मिक्स लेन में गुजरते वाहन चालकों एवं यातायात से जूझते स्कूली बच्चों को राहत देने के लिए नगर निगम जल्द ही दो बड़े निर्णय करने जा रहा है। पहला तो यह कि बीआरटीएस की चौड़ाई घटाई जाएगी, वहीं कॉरिडोर में स्कूली बसों को भी इजाजत दी जाएगी। स्कूल बसों को कॉरिडोर में प्रवेश मिलने से जहां स्कूली बच्चों का सफर आसान होगा, वहीं मिक्स लेन पर ट्रैफिक का दबाव काफी कम होने से आम लोगों को भी काफी राहत मिलेगी।
प्रदेश में बनी नई सरकार प्रदेश के बीआरटीएस कॉरिडोर की दोबारा समीक्षा कर रही है। इसके तहत भोपाल के कॉरिडोर को तो बंद ही किया जा रहा है, वहीं इंदौर के कॉरिडोर को भी ट्रैफिक के लिहाज से ज्यादा बेहतर बनाने पर काम किया जा रहा है। कुछ दिनों पहले नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने महापौर पुष्यमित्र भार्गव और अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के साथ बीआरटीएस की समीक्षा बैठक भी ली थी। इसी बैठक में यह सुझाव भी आया था, जिस पर सभी ने सैद्धांतिक सहमति भी जताई थी।
चौड़ाई घटाने के लिए सर्वे शुरू…
बैठक के दौरान मंत्री विजयवर्गीय ने अधिकारियों से कहा था कि कई स्थानों पर बीआरटीएस कॉरिडोर की बस लेन की चौड़ाई बहुत ज्यादा है, खासतौर पर भंवरकुआं से राजीव गांधी सर्कल और सत्यसांई से देवास नाका के बीच। जबकि इसकी जरूरत नहीं है। तब अधिकारियों को आदेश दिया गया था कि पूरे बीआरटीएस का सर्वे करवाया जाए और जहां भी बस लेन की चौड़ाई ज्यादा है, उसे कम करवाया जाए। इसके लिए सर्वे एजेंसी तय किए जाने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है।
कॉरिडोर की आधी सडक़ में मात्र 55 हजार यात्री करते हैं सफर तो मिक्स लेन में 5 लाख
इंदौर में 11.46 किलोमीटर के बीआरटीएस कॉरिडोर की बस लेन में रोजाना 49 बसों का संचालन होता है। इनमें 20 डीजल और 29 सीएनजी बसें शामिल हैं। इन बसों में औसतन 55 से 58 हजार यात्री सफर करते हैं, जबकि मिक्स लेन में करीब 5 लाख यात्री सफर करते हैं। कॉरिडोर आई-बस यात्रियों के लिए तो काफी आरामदायक सफर प्रदान करता है, लेकिन सडक़ का बड़ा हिस्सा आई-बसों को मिल जाने के कारण सामान्य ट्रैफिक के लिए मिक्स लेन में जगह कम पड़ती है। इसे लेकर कई बार आपत्तियां भी उठ चुकी हैं और कहा गया है कि 50 हजार लोगों के लिए 5 लाख लोगों के सफर को मुश्किल बना दिया गया है।
बच्चे जल्दी स्कूल पहुंचेंगे और घर भी आएंगे…
कॉरिडोर की बस लेन में स्कूल बसों को प्रवेश मिलने पर स्कूल बसों का सफर आसान होगा, साथ ही मिक्स लेन पर भी ट्रैफिक का बोझ कम हो जाएगा। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि स्कूली बसों में सफर करने वाले हजारों बच्चे यातायात से जूझते हुए स्कूल पहुंचते हैं और घर लौटते हुए भी जाम में फंसे रहते हैं। इन बच्चों की हालत गर्मी में और भी ज्यादा गंभीर हो जाती है, जब घंटों उन्हें बंद बस में कैद रहना पड़ता है। निगम और प्रशासन के इस निर्णय से हजारों बच्चों के साथ ही पालकों को भी राहत मिलेगी। उनके बच्चे अब जल्दी घर आएंगे।
शहर में बढ़ते यातायात के बोझ को लेकर सरकार चिंतित
शहर में बढ़ते यातायात के बोझ को लेकर हम चिंतित हैं। सरकार द्वारा जहां एलआईजी से लेकर नौलखा तक एलिवेटेड ब्रिज बनाया जा रहा है, वहीं बीआरटीएस की चौड़ाई को कम किए जाने के साथ ही जनता को राहत के उपाय खोजे जा रहे हैं। चूंकि इंदौर का बीआरटीएस देश का सबसे सफलतम प्रयोग है और हमारी मंशा यह है कि शहर में बढ़ते यातायात के बोझ को घटाने के लिए लोक परिवहन को बढ़ावा देना आवश्यक है, ऐसे में बीआरटीएस में बसों की तादाद बढ़ाई जाएगी। वहीं बच्चों को राहत देने के लिए स्कूली बसों को कॉरिडोर में प्रवेश पर विचार किया जा सकता है। – कैलाश विजयवर्गीय, नगरीय प्रशासन मंत्री
लोक परिवहन का विस्तार भी जरूरी…
शहर में बढ़ते यातायात के बोझ को मिटाने के लिए आवश्यक है कि लोक परिवहन का विस्तार किया जाए। फिलहाल हर दिन 50 हजार लोग आई-बसों में सफर कर रहे हैं, जबकि सिटी बसों में सफर करने वाले यात्रियों की तादाद इससे तीन गुना है। हमारी कोशिश है कि आई-बसों और सिटी बसों की तादाद को बढ़ाकर लोक परिवहन को मजबूत किया जाए। आने वाले समय में इस शहर में मेट्रो की भी सौगात मिलने वाली है, जिससे यात्री सुविधा बढ़ेगी। – पुष्यमित्र भार्गव, महापौर
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