नई दिल्ली (New Delhi) । अमेरिका (America) की एक चौथाई से ज्यादा आबादी किसी धर्म (Religion) को नहीं मानती. पिछले दो दशक में किसी धर्म को न मानने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है. प्यू रिसर्च सेंटर (Pew Research Center) की ताजा रिपोर्ट में यह बात सामने आई है. 24 जनवरी को जारी की गई इस रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका की 28% आबादी किसी धर्म को नहीं मानती. जबकि 1990 में हुए सर्वे में 90% लोग ईसाई धर्म को मानते थे.
Pew की रिपोर्ट में क्या खुलासा?
प्यू रिसर्च सेंटर (Pew Research Center) के ताजा सर्वे में 28 फीसदी लोगों ने खुद को किसी धर्म से जुड़ा नहीं बताया और ”नन” (Nones) की कैटेगरी सिलेक्ट की. इस कैटेगरी में नास्तिक (जो किसी भगवान को नहीं मानते) और अज्ञेयवादी या एग्नोस्टिक्स (ऐसे लोग जिनका किसी एक धर्म या भगवान पर भरोसा नहीं है) शामिल हैं.
आखिर प्यू रिसर्च सेंटर के ‘Religious ‘Nones’ in America: Who They Are and What They Believe’ का क्या है मतलब? क्यों अमेरिकी नागरिकों का धर्म से भरोसा उठ रहा है? समझते हैं इस Explainer में …
भगवान पर कितना भरोसा?
प्यू रिसर्च सेंटर (Pew Research Center) के सर्वे में जिन 28% लोगों ने खुद को किसी धर्म को न मानने वाला बताया, उनमें से 17% ने खुद को नास्तिक बताया. जबकि 20% ने अग्नोस्टिक्स और 63% ने कहा कि उनका किसी एक चीज पर भरोसा नहीं है. एक तरीके से कुल 19 फ़ीसदी लोग ऐसे हैं जो किसी भगवान या किसी असीम ऊर्जा को नहीं मानते. वह इस बात में भरोसा भी नहीं करते कि इंसान की कोई आत्मा जैसी चीज होती है और इस दुनिया से अलग भी स्वर्ग-नर्क जैसी कोई चीज है.
क्यों धर्म से उठा भरोसा?
तो किसी धर्म को न मानने की क्या वजह है? प्यू रिसर्च सेंटर के मुताबिक जिन लोगों ने खुद को कोई धर्म न मानने वाला बताया, उनमें से 43 फ़ीसदी लोगों ने कहा कि धर्म समाज को फायदा पहुंचाने की जगह नुकसान पहुंचा रहा है. जबकि 14 फ़ीसदी लोगों ने कहा कि यह समाज के लिए अच्छा है. इसी तरह 41 फ़ीसदी लोगों ने कहा कि धर्म, अच्छा और बुरा दोनों है.
क्या हैं 3 बड़ी वजहें?
किसी धर्म (Religion) को न मानने की जो तीन सबसे बड़ी वजहें निकलकर सामने आईं, उनमें से सबसे पहला है- धार्मिक शिक्षा पर सवाल. दूसरा- धार्मिक संगठनों (Religious Organizations) के प्रति नफरत और तीसरा जीवन में धर्म की आवश्यकता.
कितने पढ़े-लिखे हैं धर्म को न मानने वाले?
प्यू रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक जिन 28 फ़ीसदी लोगों ने खुद को किसी धर्म से जुड़ा नहीं बताया, वे धार्मिक अमेरिकी लोगों के मुकाबले कम पढ़े लिखे हैं. हालांकि ओवरऑल आंकड़े देखें तो इन 28 फीसदी में से जो लोग नास्तिक और एग्नोस्टिक्स हैं, उन्होंने कम से कम उच्च शिक्षा हासिल की है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
एक्सपर्ट्स कहते हैं कि पिछले कुछ सालों में जिस तरीके से वैश्वीकरण और औद्योगीकरण बढ़ा है, इसका व्यक्तिगत पसंद और नापसंद पर भी प्रभाव पड़ा है. इसने लोगों की पारंपरिक मान्यताओं, धार्मिक संगठनों पर विश्वास और भरोसे को कम किया है.
दुनिया में कहां सबसे ज्यादा नास्तिक?
अमेरिका ही नहीं दुनिया भर में किसी धर्म को न मानने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. गैलप इंटरनेशनल सर्वे की एक रिपोर्ट के मुताबिक स्वीडन दुनिया का ऐसा देश है जहां सबसे ज्यादा लोग नास्तिक हैं. इसके अलावा चीन, एस्टोनिया, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, जापान और चेक रिपब्लिक भी टॉप 10 नास्तिक देशों में शामिल हैं. अनुमान के मुताबिक दुनिया भर में कम से कम 75 करोड़ लोग नास्तिक हैं.
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