नई दिल्ली (New Dehli)। नौकरी के बदले जमीन घोटाले (land scam)में आज प्रवर्तन निदेशालय की टीम पूर्व डिप्टी सीएम (former deputy cm)और राजद सुप्रीमो लालू यादव (Lalu Yadav)के छोटे बेटे तेजस्वी यादव से पूछताछ (Questioning of Tejashwi Yadav)करेगी। इससे पहले सोमवार को लालू यादव से ईडी ने 10 घंटे लंबी पूछताछ की। सुबह करीब सवा 11 बजे लालू प्रसाद अपनी बड़ी बेटी सांसद मीसा भारती के साथ ईडी कार्यालय पहुंचे। इसके बाद उन्हें कार्यालय के दूसरे तल पर ले जाया गया। फिर पूछताछ का सिलसिला शुरू हुआ। रात नौ बजे लालू ईडी दफ्तर से बाहर आए।
पूछताछ के लिए दिल्ली ईडी मुख्यालय से करीब 12 अधिकारियों की विशेष टीम पटना आई है, जिसमें केस के अनुसंधान अधिकारी समेत अन्य शामिल हैं। पूछताछ की पूरी प्रक्रिया के बारे में अधिकृत तौर पर कोई जानकारी नहीं दी गई है। परंतु सूत्रों के अनुसार, तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद के कार्यकाल 2004 से 2009 के बीच नौकरी के बदले जमीन मामले से जुड़े 50 से अधिक सवाल पूछे गए। इतनी लंबी पूछताछ के दौरान लालू प्रसाद को चाय, नाश्ता, दोपहर का भोजन और शाम का नाश्ता भी दिया गया। डॉक्टर की तरफ से लिखी हुई सभी दवाइयां भी उन्हें निर्धारित समय पर खाने की अनुमति दी गई। इन दवाइयों को खिलाने के लिए कुछ अंतराल पर बेटी मीसा भारती को अकेले कार्यालय के अंदर आने की अनुमति दी जाती थी।
लालू प्रसाद से पूछा गया कि कितने लोगों से जमीन लेकर रेलवे में किन पदों पर कहां-कहां नौकरी दी गई है। जमीन पहले बेनामी कंपनियों के नाम पर ली गई, जिसकी निदेशक उनकी पत्नी, बेटियां, बेटा व अन्य करीबी थे। कई जमीन उनके परिजनों-करीबियों के नाम पर भी लिखवाई गई थी, इसकी सच्चाई क्या है। ईडी उनके खिलाफ राउज एवेन्यू कोर्ट में दायर 4751 पन्नों की चार्जशीट के अलावा ह्रदयानंद चौधरी के स्वीकृति बयान को भी साथ लेकर आई थी। जिसे दिखाकर भी सवाल पूछे गए।
ईडी की तरफ से 50 से अधिक सवालों की लंबी सूची का एक-एक करके जवाब देने के क्रम में लालू प्रसाद थोड़ा झल्लाए भी, बीच-बीच में थोड़ा उठकर घूमे भी। ताकि थोड़ा रिलैक्स हो सकें। एक सवाल को कई बार पूछे जाने या घुमाकर पूछना और क्रास क्वेश्चन करना उनकी झल्लाहट की मुख्य वजह थी। हालांकि वे तुरंत सामान्य होकर अपने चिर-परिचित मुस्कान के साथ फिर जवाब देने लगते।
वहीं पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद के ईडी जोनल कार्यालय (बैंक रोड) में सुबह पूछताछ के लिए पहुंचने के साथ ही राजद नेताओं और कार्यकर्ताओं का जमावड़ा भी पहुंच गया। कार्यालय के मेन गेट से उनके अंदर जाते ही साथ आई बेटी सांसद मीसा भारती समेत अन्य को बाहर ही रोक दिया गया। इसके बाद कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार और ईडी के विरोध में नारेबाजी शुरू कर दी। बीच-बीच में हंगामा और नारेबाजी बढ़ती रही। इससे मुख्य सड़क भी जाम हो गई, जिसे पुलिस बल ने थोड़ी देर बाद खाली करा दिया।
कार्यकर्ताओं की नारेबाजी के बीच सांसद मीसा भारती समेत कई पार्टी नेताओं के बयान का क्रम भी जारी रहा। लालू प्रसाद के करीब रात 9 बजे बाहर निकलने तक कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लगा रहा। उनके बाहर आते ही फिर से जोरदार नारेबाजी की गई। उनकी गाड़ी के पीछे अनेक नेताओं की गाड़ियों का काफिला उनके आवास तक गया। सुबह यह सूचना मिली कि ईडी लालू प्रसाद के 10 सर्कूलर रोड स्थित सरकारी आवास में ही पहुंच कर पूछताछ करेगी। लेकिन थोड़ी देर की ऊहापोह के बाद यह स्पष्ट हो गया कि लालू प्रसाद ही ईडी कार्यालय पहुंच रहे हैं और ऐसा ही हुआ। उनके यहां पहुंचने के कुछ ही देर बाद नेता अपने-अपने समर्थकों के साथ यहां पहुंचने लगे।
ईडी कार्यालय के सामने मौजूद दादीजी मंदिर में सांसद मीसा भारती समेत अन्य सभी कुर्सी लगाकर बैठ गए। इसमें एमएलसी सुनील कुमार सिंह, दानापुर विधायक रीतलाल यादव, पूर्व शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर, पूर्व मंत्री रामचंद्र राम, महनार विधायक मुकेश रौशन, मसौढ़ी विधायक रेखा पासवान, विधायक मुन्ना सिंह, प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव, अरुण यादव समेत अन्य प्रमुख नेता मौजूद रहे। कार्यकर्ताओं का हुजूम और नारेबाजी को देखते हुए ईडी कार्यालय के बाहर सीआरपीएफ की एक बटालियन को शाम करीब 6 बजे तैनात कर दिया गया। कार्यालय की सुरक्षा व्यवस्था को सीआरपीएफ जवानों ने अपने अधीन ले लिया और आसपास के इलाके की चौकसी भी बढ़ा दी गई।
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