• img-fluid

    NASA की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, खत्म हो जाएगा चांद का वजूद?

  • January 29, 2024

    वाशिंगटन (Washington)। इंसान चांद पर बसने के सपने देख रहा है. चांद को इंसानों के लिए भविष्य (Future) का ठिकाना माना जा रहा है. वैज्ञानिक (Scientist) इस बात की संभावना तलाश रहे हैं कि भविष्य में जब पृथ्वी में जलवायु परिवर्तन के कारण जीवन मुश्किल हो जाएगा, तब मानव जाति चांद पर कॉलोनी बसाकर रह सकती है. लेकिन नई साइंटिफिक रिपोर्ट्स से ये पता चला है कि इस फ्यूचर प्लान में संकट आ सकता है. नए शोध से संकेत मिलता है कि पृथ्वी का खगोलीय साथी, चंद्रमा, कई परिवर्तनों से गुजर रहा है. पिछले कुछ सौ मिलियन वर्षों में इसके आकार में महत्वपूर्ण कमी आई है.

    दरअसल 25 जनवरी को प्लैनेटरी साइंस जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चलता है कि चंद्रमा अपने कोर के धीरे-धीरे ठंडा होने के कारण परिधि में 150 फीट से अधिक सिकुड़ गया है. नासा, स्मिथसोनियन, एरिज़ोना स्टेट यूनिवर्सिटी और मैरीलैंड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के नेतृत्व में सहयोगात्मक प्रयास से ऐसे सबूत मिले हैं, जो बताते हैं कि इस चल रहे चंद्र संकुचन के कारण चांद के दक्षिणी ध्रुव के आसपास के इलाके में उल्लेखनीय परिवर्तन हुए हैं.



    खतरे की घंटी
    हांलाकि इस सिकूड़ने को अंगूर की झुर्रियों के किशमिश में बदलने के समान बताया गया है. चांद के सिकुड़ने से एक भंगुर सतह बनती है, जिससे परत के भाग एक-दूसरे के खिलाफ धकेलने के कारण फॉल्ट बनाते हैं. ये फॉल्ट, बदले में, भूकंपीय गतिविधि को ट्रिगर करते हैं, जिसे मूनक्वेक के रूप में जाना जाता है, जो टेक्टोनिक फॉल्ट लाइनों के पास रहने वाले पृथ्वी के निवासियों के लिए खतरे की घंटी है.

    रिसर्च में पता चला है कि दक्षिण-ध्रुवीय क्षेत्र में चंद्र दोषों के एक समूह को 50 साल से अधिक पहले अपोलो सिस्मोमीटर द्वारा दर्ज किए गए एक शक्तिशाली चंद्रमा भूकंप से जोड़ते हैं. सतह की स्थिरता का अनुकरण करने के लिए कंप्यूटर मॉडल का उपयोग किया गया, जिससे भूकंपीय गतिविधि के कारण चंद्र भूस्खलन के प्रति संवेदनशील कुछ क्षेत्रों का पता चला. फिजिक्स ऑर्गनाइजेशन ने नेशनल एयर एंड स्पेस म्यूजियम में एक अध्ययन के सह-लेखक और वरिष्ठ वैज्ञानिक एमेरिटस थॉमस आर वॉटर्स को कोट करते हुए चेतावनी दी कि, “चंद्रमा पर स्थायी आउटपोस्ट के स्थान और स्थिरता की योजना बनाते समय यंग थ्रस्ट फॉल्ट के वैश्विक वितरण, उनके सक्रिय होने की क्षमता, और चल रहे वैश्विक संकुचन से नए थ्रस्ट फॉल्ट पर विचार किया जाना चाहिए.

    Share:

    ASI सर्वे में ज्ञानवापी की दीवारों पर मिले त्रिशूल के प्रतीक और स्वास्तिक के कई निशान मिले

    Mon Jan 29 , 2024
    वाराणसी (Varanasi) । भारतीय पुरातत्व सवेक्षण (Archaeological Survey of India) के वैज्ञानिक सर्वे में मौजूदा ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi) की पश्चिमी दीवार के उत्तरी भाग और उत्तर-पश्चिमी भाग में चार से 15 सेमी तक के विभिन्न आकार के त्रिशूल के प्रतीक (symbol of trishul) मिले हैं। दीवार की सतह पर भी त्रिशूल के प्रतीक हैं। कुछ […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    बुधवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved