वाराणसी: वाराणसी में ज्ञानवापी (Gyanvapi in Varanasi) को लेकर बीते दिनों ASI की रिपोर्ट (ASI report) सामने आई. जीपीआर सर्वे पर ASI ने कहा कि यहां पर एक बड़ा भव्य हिन्दू मंदिर (Grand Hindu temple) था. रिपोर्ट में मंदिर होने के 32 से ज्यादा प्रमाण मिलने की बात कही गई है. साथ ही ये भी बात सामने आई है कि मंदिर के खंभों को थोड़ा बहुत बदलकर नए ढांचे के लिए इस्तेमाल किया गया है. अब इस मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ ने खुलकर प्रतिक्रिया दी है.
सीएम योगी ने कहा कि अपनी परंपरा को लेकर भारतीयों को गौरव की अनुभूति होनी चाहिए. हमारी परंपरा और संस्कृति प्राचीन है. हम लोग इतिहास से परे हैं. हमको इतिहास के दायरे में कोई कैद नहीं कर सकता. हमारा इतिहास हजारों वर्षों का है. अभी 500 साल बाद राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा हुई है. लोगों के लिए ये उल्लास का विषय है.
इसके आगे सीएम ने कहा कि अभी आपने देखा कि ज्ञानवापी को लेकर ASI की रिपोर्ट सामने आई है. वह रिपोर्ट क्या बताती है? बहुत कुछ आपके सामने उदाहरण प्रस्तुत करता है. राम हमारे पूर्वज हैं, कृष्ण हमारे पूर्वज हैं. एएसआई के मुताबिक, वर्तमान में जो ढांचा है उसकी पश्चिमी दीवार पहले के बड़े हिंदू मंदिर का हिस्सा है और पिलर के नक्काशियों को मिटाने की कोशिश की गई.
हिंदू पक्ष के मुताबिक, वह जो दलीलें दे रहा था उसकी तस्दीक एएसआई के सर्वे में मिले सबूत करते हैं. इस सर्वे रिपोर्ट के कुछ अंश सामने आए हैं जिन्होंने एक बार अयोध्या फैसले की याद दिला दी है. हिंदू पक्ष को उम्मीद है कि जस तरह की कानूनी लड़ाई के बाद अयोध्या का फैसला उसके हक में आया, उसकी तरह से अदालती फैसला भी उसके पक्ष में आएगा. सर्वेक्षण रिपोर्ट में मंदिर के अस्तित्व के पर्याप्त सबूत मिलने की बात कही गई, जिस पर मस्जिद का निर्माण किया गया था.
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