इंदौर। कांग्रेस के जिला अध्यक्षों के लिए एक राहत भरी खबर है कि लोकसभा चुनाव तक उन्हें नहीं हटाया जाएगा। हालांकि उनके कार्यों की समीक्षा इस दौरान लगातार की जाएगी और देखा जाएगा कि वह सक्रिय हैं या नहीं? चुनाव के बाद इन जिला अध्यक्षों को हटाने की कवायद सिलसिलेवार की जाएगी। वहीं अभी प्रदेश कांग्रेस कमेटी के गठन के बारे में भी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी अपनी टीम को मजबूत बनाने में लगे हुए हैं, लेकिन जिस तरह से कांग्रेसी कार्यक्रमों से कन्नी काट रहे हैं उससे लग रहा है कि कांग्रेस को बदलना उनके लिए कठिन चुनौती साबित होगा। अब कांग्रेस भी चुनावी मोड में आ गई है और अगले महीने से बैठकों की शुरुआत होने जा रही है इन बैठकों में प्रदेश प्रभारी जितेंद्र सिंह शामिल होंगे। भोपाल के साथ-साथ उज्जैन और ग्वालियर में यह बैठक होगी।
स्क्रीनिंग कमेटी की इन बैठकों में लोकसभा चुनाव लडऩे के इच्छुक उम्मीदवारों के बायोडाटा पर विचार विमर्श भी किया जाएगा। दूसरी ओर संगठन के बारे में पटवारी का कहना है कि अभी फिलहाल जिला स्तर पर कांग्रेस के अध्यक्षों को बदलने पर विचार नहीं किया जा रहा है। पहले उनके कार्यों की समीक्षा की जाएगी और उसके बाद ही उन्हें बदलने पर निर्णय लिया जाएगा। कुछ जिला अध्यक्षों की शिकायत अभी प्राप्त हुई है उसको लेकर पार्टी लोकसभा चुनाव के बाद ही निर्णय लेगी। वैसे इंदौर की बात की जाए तो जिला अध्यक्ष सदाशिव यादव और शहर अध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा की कार्यप्रणाली पर भी प्रश्न चिन्ह खड़ा हुआ है। वे विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को कोई सीट नहीं दिलवा पाए और उल्टी जो तीन सीटें कांग्रेस के पास थी वह भी गंवा बैठे हैं। इसलिए इन्हें भी बदलने पर विचार किया जा सकता है। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के गठन के बारे में जरूर लोकसभा चुनाव के पहले निर्णय लिया जा सकता है, लेकिन पटवारी इस मूड में है कि लोकसभा चुनाव और राहुल गांधी की यात्रा निपटने के बाद ही इस संबंध में निर्णय हो, ताकि सक्रिय लोगों को पद मिले।
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